रीवा में दर्ज हुई सबसे ज्यादा शिकायतें, भोपाल व इंदौर भी निचली पायदान पर
जबलपुर। मध्यप्रदेश सरकार की सीएम हेल्पलाइन 181 में दर्ज शिकायतों के ताजा आंकड़ों ने एक बार फिर जबलपुर जिले की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग द्वारा जारी जिलावार ग्रेडिंग में जबलपुर का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा और जिला फिर पिछड़े जिलों की श्रेणी में आ गया। नवंबर माह में जहां पूरे प्रदेश से तीन हजार से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं, वहीं जबलपुर शिकायतों की संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर रहा। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक उदासीनता को उजागर करती है, बल्कि कॉलेज विद्यार्थियों और आम नागरिकों की बढ़ती समस्याओं की ओर भी इशारा करती है। रिपोर्ट के अनुसार, सीएम हेल्पलाइन पर सबसे अधिक शिकायतें कॉलेज छात्रों से जुड़ी रहीं। इनमें स्कॉलरशिप, परीक्षा परिणाम, फीस, कॉलेज प्रबंधन और अव्यवस्थाओं से संबंधित मुद्दे प्रमुख हैं। छात्रों का आरोप है कि शिकायत दर्ज कराने के बावजूद समय पर समाधान नहीं हो पा रहा, जिससे असंतोष बढ़ता जा रहा है।
बढ़ी शिकायतें, घटता समाधान प्रतिशत
नवंबर माह में जबलपुर से 86 शिकायतें सीएम हेल्पलाइन में दर्ज की गईं। इनमें से करीब 36 प्रतिशत शिकायतों का ही संतोषजनक समाधान हो सका। कई मामलों में शिकायतों को बिना ठोस कार्रवाई के बंद कर दिया गया, जिससे शिकायतकर्ताओं की नाराजगी और बढ़ी। विभागीय अधिकारियों को बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद जमीनी स्तर पर सुधार नजर नहीं आ रहा।
नवंबर में प्रमुख जिलों से आई शिकायतें
| जिला | शिकायतों की संख्या |
|---|---|
| रीवा | 101 |
| जबलपुर | 86 |
| इंदौर | 84 |
| ग्वालियर | 77 |
| भोपाल | 63 |
सीएम हेल्पलाइन की जिलावार ग्रेडिंग में जबलपुर को ‘बी’ ग्रेड मिला है, जबकि कई अन्य जिले बेहतर प्रदर्शन करते हुए आगे निकल गए। विभाग ने खासतौर पर लॉगिन न करने वाले कॉलेज प्राचार्यों पर सख्ती दिखाई है और उन्हें अल्टीमेटम जारी किया गया है। निर्देश दिए गए हैं कि सभी कॉलेज प्रतिदिन सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर लॉगिन कर शिकायतों का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करें, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
जिलावार ग्रेडिंग स्थिति
| जिला | ग्रेड |
|---|---|
| रीवा | C |
| जबलपुर | B |
| इंदौर | B |
| ग्वालियर | C |
| भोपाल | C |
