जबलपुर। जबलपुर में इस वक्त की सबसे बड़ी सनसनीखेज खबर सामने आई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय जीएसटी कार्यालय में छापा मारकर भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा किया है। सीबीआई की टीम ने असिस्टेंट कमिश्नर और एक इंस्पेक्टर को 4 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, केंद्रीय जीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर विवेक वर्मा और इंस्पेक्टर सचिन खरे ने शहर के एक होटल व्यवसायी विवेक त्रिपाठी पर दबाव बनाया था। अधिकारियों ने होटल कारोबारी के 'ओयो' ट्रांजैक्शन पर आपत्ति जताते हुए 1 करोड़ रुपए की रिकवरी निकाल दी थी।
10 लाख में तय हुआ था सौदा
इस भारी-भरकम रिकवरी के मामले को रफा-दफा करने और होटल व्यवसायी को राहत देने के बदले में दोनों अधिकारियों ने 10 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। व्यवसायी की शिकायत पर जाल बिछाते हुए सीबीआई ने आज दबिश दी। जैसे ही होटल कारोबारी ने रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 4 लाख रुपए असिस्टेंट कमिश्नर और इंस्पेक्टर को सौंपे, पहले से ही मुस्तैद सीबीआई की टीम ने दोनों को दबोच लिया। सीबीआई की इस अचानक कार्रवाई से केंद्रीय जीएसटी कार्यालय में हड़कंप मच गया है और अन्य कर्मचारियों व अधिकारियों में अफरा-तफरी का माहौल है।
फैक्ट एन्ड फाइल
- गिरफ्तार अधिकारी: विवेक वर्मा (असिस्टेंट कमिश्नर) और सचिन खरे (इंस्पेक्टर)।
- रिश्वत की राशि: 10 लाख की मांग, 4 लाख लेते गिरफ्तार।
- वजह: 1 करोड़ की जीएसटी रिकवरी का मामला निपटाना।
- कार्रवाई: सीबीआई की टीम फिलहाल कार्यालय में दस्तावेजों की जांच कर रही है।
