बताया जाता है कि जहरीले कफ सिरप ने अीाी तक 26 मासूम बच्चों की जान ले ली है। उन्ही में एक बच्चा कुनाल भी था जिसका करीब तीन माह तक इलाज चला। कु नाल ने मौत को मात दे दी लेकिन इस जंग में कुनाल की आंखो की रोशनी चली गई। लेकिन परिजन इस बात से ही खुश है कि कुनाल की जिंदगी तो बच गई। गौरतलब है कि जाटाछापर निवासी कुनाल उम्र 5 वर्ष विजडम स्कूल का छात्र है। 24 अगस्त को उसे सामान्य बुखार आया था। परिजन उसे स्थानीय डॉक्टर प्रवीण सोनी के पास ले गए थे। वहां से मिली दवा और सिरप पीने के बाद उसकी हालत सुधरने के बजाय बिगड़ती चली गई। जांच में पता चला कि जहरीले सिरप के साइड इफेक्ट से उसकी दोनों किडनियां काम करना बंद कर चुकी हैं। हालत गंभीर होने पर 30 अगस्त को उसे नागपुर रेफर किया गया। पिता टिक्कू यदुवंशी उसे लेकर 31 अगस्त को नागपुर पहुंचे। वहां एम्स सहित अलग-अलग अस्पतालों में उसका इलाज चला। नागपुर में इलाज के दौरान कुनाल को करीब डेढ़ महीने तक रोजाना डायलिसिस के दर्द से गुजरना पड़ा। डॉक्टरों का कहना था कि जिस तरह सिरप ने किडनियों को डैमेज किया था। उस स्थिति में बच्चे के बचने की उम्मीद बेहद कम थी। लेकिन विशेषज्ञों की निगरानी और परिवार की दुआओं ने असर दिखाया। 115 दिन के लंबे संघर्ष के बाद बीती रात उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
आंखों का पानी सूख गया, चलने में भी लाचार-
कुनाल घर तो लौट आया है लेकिन साइड इफेक्ट्स ने उसे लाचार बना दिया है। बीमारी के असर से कुनाल की आंखों का पानी सूख गया है। जिससे फिलहाल उसे दिखाई नहीं दे रहा है। उसे चलने-फिरने में भी परेशानी हो रही है। माता-पिता और डॉक्टरों को उम्मीद है कि जिस तरह उसने मौत को हराया है। वैसे ही वह धीरे-धीरे पूरी तरह स्वस्थ भी हो जाएगा।
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