
भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आसाराम तिराहा करोंद रोड से रत्नागिरी तिराहा अयोध्या बायपास तक करीब 16 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क का चौड़ीकरण कार्य एनएचएआई द्वारा किया जा रहा है. इस सड़क के लिए करीब 8 से 12 हजार पेड़ों की कटाई प्रस्तावित है.
मंगलवार 23 दिसम्बर से इन पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई थी, लेकिन इसके अगले ही दिन यानी आज 24 दिसम्बर बुधवार को एनजीटी ने पेड़ों की कटाई पर अलगी सुनवाई तक रोक लगा दी है. हालांकि एनजीटी के आदेश में कहा गया है कि सिर्फ पेड़ कटाई पर रोक लगाई गई है, लेकिन संबंधित एजेंसी सड़क निर्माण का कार्य जारी रख सकता है. इसके लिए पेड़ों के साथ छेड़छाड़ न की जाए.
इसलिए लगाई कटाई में रोक
भोपाल में 10 लेन सड़क के लिए पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने के लिए एनजीटी में याचिका लगाने वाले नितिन सक्सेना ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा सड़क निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई तो शुरू कर दी गई, लेकिन इसके लिए तय मानकों का पालन नहीं किया गया. शहर में इसके पहले भी बीआरटीएस, स्मार्ट सिटी, कोलार सिक्सलेन और मेट्रो समेत अन्य प्रोजेक्ट के लिए लाखों पेड़ों की बलि चढ़ चुकी है. संबंधित निर्माण एजेंसियों ने भी पेड़ कटने के बाद उसकी भरपाई के लिए पौधारोपण का दावा किया था, लेकिन हकीकत सबके सामने है.
8 जनवरी तक रोक
याचिकाकर्ता के वकील हरप्रीत सिंह गुप्ता ने बताया कि पूर्व में दिए गए एनजीटी के आदेश के अनुसार वृक्षों की कटाई की वैकल्पिक योजना पर विचार करने के लिए कोई केंद्रीय रूप से सशक्त समिति गठित नहीं की गई है, जिससे कम संख्या में वृक्षों की कटाई आवश्यक हो सके. न ही काटे गए वृक्षों की क्षतिपूर्ति और रोपित वृक्षों के 5 वर्ष तक जीवित रहने के लिए इस न्यायाधिकरण द्वारा निर्देशित विधि के अनुसार क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण के संबंध में कोई निर्णय लिया गया है.