हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके जैन और सचिव परितोष त्रिवेदी ने कुछ दिन पहले मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा से मुलाकात की थी। उन्हें एक मांग पत्र सौंपा था। जिसमें लंबित मामलों की सुनवाई के लिए विशेष पहल करने का आग्रह किया गया था। चीफ जस्टिस ने बार एसोसिएशन की मांगों को सुनने के बाद निर्णय लिया था कि छुट्टी के दिन 10 बेंच लंबित जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। बाद में इसे 8 कर दिया गया। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ चीफ जस्टिस से लगातार मांग कर रहा था। हमारा कहना है कि जमानत याचिकाओं सहित कई महत्वपूर्ण मामले लंबे समय से सुनवाई के लिए अटके हैं। जिससे जेल में कैदियों की संख्या बढ़ ही रही है। लंबित मामले भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं।
बुधवार से बढ़ाई गई थीं तीन रेगुलर बेंच-
हाईकोर्ट में बढ़ती याचिकाओं को देखते हुए 17 सितंबर से जमानत याचिकाओं की सुनवाई करने वाली एक और बेंच बढ़ा दी थी। पहले 3 बेंच सुनवाई करती थीं। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा की पहल पर 10 बेंच एक साथ जमानत याचिकाओं के लंबित केसों की सुनवाई का निर्णय लिया गया था। प्रत्येक जज के समक्ष 100 केस रखना तय हुआ था। बार एसोसिएशन ने उम्मीद जताई थी कि अगले सप्ताह तक जमानत के सभी केसों का निराकरण हो जाएगा और नए सिरे से केसों की सुनवाई होगी।