जबलपुर। शहर में इन दिनों गर्भ में भ्रूण के लिंग परीक्षण का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। एक तरफ सरकार बेटियों का बचाने एवं उन्हें आगे बढाने तरह-तरह की योजनाएं ला रही है। तो वहीं दूसरी तरफ शहर के कई निजी पैथोलॉजी सेंटरों द्वारा चंद रूपयों के पीछे मां की कोख में ही भ्रूण का मार दिया जा रहा । सूत्रों के मुताबिक इन पैथोलॉजी लैब्स द्वारा इस कदर प्लानिंग के साथ यह कारोबार किया जा रहा है। जिससे प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लग पा रही है। शहर में लिंग परीक्षण करवाने लिए इन पैथोलॉजी सेंटरों द्वारा दलालों की डयूटी लगाई गई है। जो शहर के अस्पतालों के बाहर घूम-घूम कर ग्राहकों को पकडते है। इसके बाद रूपयों के लेनदेन की बात हो जाने के बाद उन्हें पैथोलॉजी सेंटरों तक पहुुंचाया जाता है। वहां पर पहुंचने के बाद पैथोलॉजी सेंटरों द्वारा ऐसा सेटअप जमाया गया है कि किसी और को इस बात की भनक भी न लग पाए कि वहां पर लिंग परीक्षण किया जाता है।
15 से 20 हजार रूपए ले रहे चार्ज
गर्भ में लिंग परीक्षण कराने के लिए यह पैथेलॉजी सेंटर्स ग्राहकों से भारी-भरकम रकम वसूल रहें है। जिसमे सबसे पहले ग्राहकों से 15 हजार 20 हजार रूपए की रकम वसूल कर उनका अपॉइंटमेंट फिक्स किया जाता है। जिसमें एक तय समय दिया जाता है और उसी समय पर गभर्वती महिलाओं को वहां पर पहुंचना पडता है।
बेटी होने पर तुरंत खिला देते हैं दवाई
सूत्रों से जानकारी यह भी लगी है कि इन पैथालॉजी सेंटर द्वारा लिंग परीक्षण करने के बाद उक्त मरीज को गर्भ में ही भ्रूण को मारने गोली खिला दी जाती है। जिससे मां के पेट में ही मासूम का गला घोंट दिया जाता है।
रीवा के सीएमएचओ ने उठाया सराहनीय कदम
रीवा के सीएमएचओ डॉ एनएन मिश्रा द्वारा भू्रण परीक्षण करने वाले पैथोलॉजी सेंटरों के विरूद्ध एक सराहनीय कदम उठाया गया था। जिसमें उन्होंने ऐसे गैर कानूनी कामों में लिप्त पैथोलॉजी सेंटरों के खिलाफ सूचना देने वालों के लिए 2 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि मुखबिर पुरस्कार योजना के तहत देने की बात कही गई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि भ्रूण लिंग जांच की सूचना देने वालों का नाम पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा।