ओएफके में चुनाव:डीबी ने मुक़ाबला रोचक बनाया


आयुध निर्माणी खमरिया में वर्क्स कमेटी चुनाव त्रिकोणीय

जबलपुर। आयुध निर्माणी खमरिया में प्रति दो वर्ष में होने वाले वर्क्स कमेटी चुनाव इस बार बेहद रोचक हो गए हैं। चुनावी मुकाबला अब त्रिकोणीय हो गया है। एक ओर जहां परंपरागत रूप से श्रमिक संगठनों की यूनियनें आमने-सामने हैं, वहीं इस बार डीबी (डेंजर बिल्डिंग) वर्कर्स ने भी स्वतंत्र समूह के रूप में मैदान में उतरकर चुनाव को नई दिशा दे दी है। उल्लेखनीय है कि वर्क्स कमेटी चुनाव के साथ-साथ कैंटीन कमेटी के चुनाव भी कराए जा रहे हैं। वर्क्स कमेटी के लिए 10 और कैंटीन कमेटी के लिए 4, कुल 14 सदस्यों का निर्वाचन होना है।

यूनियनों के साथ अब स्वतंत्र समूह भी मैदान में

पूर्व की भांति लेबर, कामगार और एससी/एसटी यूनियन से जुड़े संयुक्त संघर्ष समिति ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। दूसरी ओर इंटक से संबद्ध एससी/एसटी यूनियन के एक धड़े ने भी अधिकार मोर्चा बनाकर उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। पहले इन दोनों मोर्चों के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा था, लेकिन इसी बीच डीबी वर्कर्स ने अलग समूह बनाकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया। स्वतंत्र समूह की ओर से विक्रम सिंह ने बताया कि निर्माणी में सबसे अधिक संख्या डीबी वर्कर्स की है, लेकिन अब तक यूनियनें केवल उनके नाम पर राजनीति करती रही हैं। उनका कहना है कि डीबी वर्कर्स सबसे ज्यादा शोषित और पीड़ित हैं, जिन्हें आज भी पदोन्नति और अन्य लाभों से वंचित रखा गया है। इसी कारण सामूहिक विचार-विमर्श के बाद उन्होंने अपने अधिकारों के लिए खुद मैदान में उतरने का फैसला किया।

डीबी वर्कर्स ने ‘मूक जीव’ को बनाया चुनाव चिन्ह

स्वतंत्र समूह ने चुनाव चिन्ह के रूप में मूक जीव को चुना है। उनका कहना है कि वे एक ओर वन्य और अन्य जीवों के संरक्षण का संदेश देना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर डीबी वर्कर्स की स्थिति भी मूक जीवों जैसी है, जिनकी पीड़ा और समस्याओं को अब तक किसी यूनियन ने गंभीरता से नहीं सुना। चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय होने से वर्क्स कमेटी चुनाव के नतीजों को लेकर निर्माणी परिसर में खासा उत्साह और चर्चा का माहौल बना हुआ है।

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