जबलपुर। जबलपुर में स्टेट जीएसटी (SGST) की एंटी इवेजन ब्यूरो टीम ने टैक्स चोरी और फर्जी इनवाइसिंग के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस छापेमारी में अल्युमिनियम स्क्रैप के कारोबार की आड़ में करोड़ों रुपये के फर्जी बिल बेचने वाले रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। कार्रवाई के केंद्र में कारोबारी आशीष कोटवानी हैं, जिनकी चार अलग-अलग फर्मों पर विभाग ने एक साथ दबिश दी।
परिवार के नाम पर बनाई 'शेल' कंपनियां
जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी आशीष कोटवानी ने अपने काले कारोबार को छिपाने के लिए अपने ही परिवार के सदस्यों को ढाल बनाया था। वह अपने पिता, पत्नी और भाई के नाम पर अलग-अलग व्यापारिक फर्में संचालित कर रहा था। जीएसटी टीम ने जिन प्रमुख ठिकानों पर कार्रवाई की है।
इन फर्मों पर दबिश
- यूनिक ट्रेडिंग कंपनी
- महाकाल मेटल
- अक्षरा मेटल
- तेजस एंटरप्राइजेज
10 करोड़ के फर्जी ट्रांजैक्शन का अनुमान
विभागीय सूत्रों के अनुसार, शुरुआती जांच में करीब 10 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी किए जाने का अनुमान लगाया गया है। यह नेटवर्क मुख्य रूप से अल्युमिनियम स्क्रैप के फर्जी बिलों के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट का अवैध लाभ लेने और देने के लिए बनाया गया था। जीएसटी टीम ने इन प्रतिष्ठानों से बड़ी संख्या में संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य और बिल बुक्स जब्त की हैं।
खबर लगते ही कारोबारी फरार, कई फर्में सील
जैसे ही जीएसटी की टीम ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी शुरू की, मुख्य आरोपी आशीष कोटवानी मौके से फरार हो गया। विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए कई संबंधित प्रतिष्ठानों और गोदामों को सील कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि दस्तावेजों की सूक्ष्म जांच के बाद टैक्स चोरी का यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। फिलहाल, फरार आरोपी की तलाश जारी है और विभाग यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि इस नेटवर्क के जरिए किन अन्य बड़े व्यापारियों को फर्जी बिलों की सप्लाई की गई थी।
