जबलपुर सहित देश भर के हजारों रेलकर्मी लखनऊ पहुंच रहे, एआईआरएफ के अधिवेशन में कर्मचारियों की आवाज होगी बुलंद

जबलपुर. देशभर के रेलवे कर्मचारियों और यूनियन प्रतिनिधियों का बड़ा जमावड़ा अगले महीने लखनऊ में लगने जा रहा है। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) का 101वां वार्षिक अधिवेशन 22 से 24 दिसंबर तक चारबाग स्टेडियम में आयोजित होगा। इस अधिवेशन में पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर के तीनों मंडलों सहित पूरे देश से हजारों कर्मचारी पहुंचेंगे. तीन दिन तक चलने वाला यह अधिवेशन इस वर्ष कई अहम मुद्दों पर निर्णायक चर्चा का केंद्र बनेगा।

नए श्रम कानूनों की विसंगतियों पर होगी सबसे बड़ी बहस

इस अधिवेशन का सबसे प्रमुख मुद्दा हाल ही में 21 नवंबर से लागू हुए नए श्रम कानूनों की खामियां और उनकी जमीनी चुनौतियां होंगी। इस संबंध में डबलूसीआरईयू के महामंत्री व एआईआरएफ के असिस्टेंट जनरल सैक्रेट्री का. मुकेश गालव का कहना है कि इन कानूनों में कई ऐसे प्रावधान हैं जो कर्मचारियों के कार्य वातावरण, हक और सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं। फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र की मौजूदगी में कर्मचारी नेता इन कानूनों में जरूरी सुधार कराने का दबाव बनाएंगे। चर्चा के दौरान विभिन्न जोन से आए प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र में दिख रही दिक्कतों और विसंगतियों को विस्तार से सामने रखेंगे।

ये उठेंगे मुख्य मांगें

- आठवें वेतन आयोग की स्थापना और लागू करने की घोषणा

गैर-अंशदायी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को समाप्त कर पुरानी पेंशन बहाल करना.

-संवर्ग पुनर्गठन को 1 नवंबर 2023 से लागू करने का फैसला

-इन मुद्दों पर कई वर्षों से बातचीत चल रही है, लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि अब ठोस निर्णय की जरूरत है।

नए पदों का सृजन और रिक्तियों को भरने पर जोर

रेलवे के विभिन्न विभागों में लंबे समय से खाली पड़े पदों ने कामकाज की गति को प्रभावित किया है। अधिवेशन में नए पदों का सृजन, विभिन्न वर्गों में लंबित पदों को तुरंत भरने,भर्ती प्रक्रिया तेज करने की मांग जोर-शोर से की जाएगी। यूनियन का मानना है कि बढ़ते काम और नई परियोजनाओं को देखते हुए रेलवे में मानव संसाधन बढ़ाना बेहद जरूरी है।

Post a Comment

Previous Post Next Post