नई दिल्ली. आठवें वेतन आयोग की तैयारियों के बीच 26 लाख केंद्रीय कर्मचारियों ने पीएम मोदी के सामने अपनी सबसे बड़ी मांग रख दी है। कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भेजा है।
नेशनल काउंसिल (स्टाफ साइड) जेसीएम ने आठवें पे कमीशन के टर्म ऑफ रेफ्रेंस (टीओआर) में बदलाव की मांग की है। सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने लिखा कि नए टीओआर में कई जरूरी बातें शामिल नहीं हैं, जबकि ये कर्मचारियों और पेंशनर्स के हित में हैं।
एनसी-जेसीएम ने साफ कहा है कि जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए और वर्तमान में एनपीएस में शामिल 26 लाख कर्मचारियों के लिए ओपीएस बहाल की जाए। पत्र में कहा गया है कि यह लंबे समय से लंबित और न्यायसंगत मांग है, जो रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों की सुरक्षा और सम्मान से जुड़ी है।
स्टेकहोल्डर्स की अपेक्षाएं शामिल की जाएं
एनसी-जेसीएम ने सबसे पहले यह मांग उठाई कि 8वें पे कमीशन के टीओआर में हितकारकों की अपेक्षाएं वाला क्लॉज वापस जोड़ा जाए। शिव गोपाल मिश्रा ने लिखा कि, 7वें वेतन आयोग के ञ्जशक्र में यह क्लॉज था, लेकिन 9वें वेतन आयोग में हटाने से लाखों कर्मचारियों में निराशा है।
पेंशन रिवीजन को भी शामिल करने की मांग
पत्र में कहा गया कि ञ्जशक्र में पेंशन रिवीजन का जिक्र नहीं है, जबकि सरकार ने कहा था कि 8वें सीपीसी कर्मचारियों और पेंशनरों-दोनों को कवर करेगा। एनसी-जेसीएम ने 7वें सीपीसी का उदाहरण देते हुए कहा कि उसकी तरह 8वें सीपीसी में भी प्री-2026 पेंशनरों की पेंशन रिवीजन शामिल होनी चाहिए।
सुझावों में ये मांगें हैं शामिल
15 साल के बजाय 11 साल बाद पेंशन कम्यूटेशन की बहाली
हर 5 साल में 5 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन
सभी पेंशनरों को रिवीजन कवरेज
अप्राप्त लागत वाला शब्द हटाने की मांग
नेशनल काउंसिल ने आपत्ति जताई कि टीओआर में गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की अप्रदत्त लागत लिखा गया है, जो ओपीएस को आर्थिक बोझ बताता है। लेटर में कहा गया है कि यह शब्दावली असंवैधानिक अधिकारों को बोझ की तरह प्रस्तुत करती है, इसे हटाया जाए।
1 जनवरी 2026 को मेंशन करने की अपील
कर्मचारी संगठन ने कहा कि टीओआर में लागू होने की तारीख साफ नहीं लिखी, जिससे कर्मचारियों में भ्रम है। काउंसिल का कहना है कि 8वें पे कमीशन की सिफारिशें 01.01.2026 से लागू की जाएं और यह तारीख ञ्जशक्र में स्पष्ट लिखी जाए।
20 प्रतिशत अंतरिम राहत की भी मांग
महंगाई को देखते हुए संगठन ने 20 प्रतिशत अंतरिम राहत देने की मांग की है। एनसी-जेसीएम ने लिखा कि, यह कदम सरकार की अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के प्रति संवेदनशीलता दिखाएगा और तात्कालिक राहत देगा। दावा का आठवें वेतन आयोग के शुरू होते ही यह पहली बड़ी कर्मचारी पहल है, जिसने सीधे पीएम तक अपनी मांग पहुंचाई है। अब नजर सरकार की प्रतिक्रिया पर है।
