इस संबंध में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी मोहसीन खान ने आधार अपडेशन के लिए अपने परिजनों व परिचितों के नाम से विभिन्न क्षेत्रों में टेंडर जमा किए थे। टेंडर स्वीकृत होने के बाद संबंधित आधार केंद्रों की मशीनें व आईडीए वास्तविक टेंडरधारी के बजाय आरोपी मोहसीन अपने पास रखता था। आरोपी मोहिसन इन मशीनों व आईडी का संचालन कूटरचित क्लोन बायोमेट्रिक से करता था। वह अधिकृत ऑपरेटरों के फिंगरप्रिंट के क्लोन तैयार कर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से सिस्टम को लॉगिन करता। इसके बाद आईरिश स्कैन के लिए क्लोन डिजिटल फोटो का इस्तेमाल करता था। आधार अपडेशन का काम निर्धारित स्थान पर ही हो रहा है। यह छिपाने के लिए वह वीपीएन का उपयोग करता थाए जबकि पूरा काम वह भरवेली से ही कर रहा था।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर है आरोपी-
आरोपी मोहसीन एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है वह 2011 से भरवेली स्टेट बैंक के पास त्रिवेदी कॉम्प्लेक्स में संचालित एमपी ऑनलाइन और बैंक ऑफ बड़ौदा के कियोस्क सेंटर से आधार अपडेशन का फर्जी काम कर रहा था। उसके नाम से अपडेशन का कोई काम स्वीकृत नहीं था। पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया है ताकि पूछताछ में और जानकारी मिल सके।