ई-हाजिरी पर सरकार की सख्ती बढ़ी, नए आदेश से शिक्षकों में हड़कंप

 


विभाग ने रियायतों मंे की कटौती, अटेंडेंस नहीं तो सैलरी कटना तय

जबलपुर। नियमित शिक्षकों व अतिथि शिक्षकों की अॉनलाइन हाजिरी पर सरकार की सख्ती शुरू हो गई है। जबलपुर हाई कोर्ट के आदेश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने फिर से सभी जिलों में आदेश कर अॉनलाइन हाजिरी को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षकों को आदेशित किया गया है कि अगर इस महीने हमारे शिक्षक ऐप से उपस्थिति नहीं लगाई गई तो वेतन में कटौती होगी। अब नवंबर माह का वेतन शिक्षकों को ई-अटेंडेंस के आधार पर ही मिलेगा। जिन शिक्षकों की ई-अटेंडेंस नहीं लगेगी, उनका वेतन काटा जाएगा। प्रदेश के शिक्षकों की ई-अटेंडेंस प्रणाली को जुलाई से हमारे शिक्षक ऐप के माध्यम से लागू किया है। 

-विरोध जारी, राहत नहीं

शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर शिक्षक संगठनों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई है। इसी को लेकर गेस्ट टीचर को-अॉर्डिनेशन कमेटी ने भी हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। कमेटी ने 20 जून 2025 को राज्य सरकार द्वारा जारी उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत एक जुलाई 2025 से पूरे प्रदेश में शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्य कर दी गई थी।

-क्या दलील दी गयी थी

याचिकाकर्ता की ओर हाईकोर्ट में लगी गेस्ट टीचर को-अॉर्डिनेशन कमेटी ने पीआईएल वापस लेते हुए यह दलील दी गई थी कि ग्रामीण और अंचल क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट कनेक्टिविटी में गंभीर कठिनाइयां आ रही हैं। इसके अतिरिक्त कई शिक्षक स्मार्टफोन खरीदने में असमर्थ हैं, जिससे उनके लिए ई-अटेंडेंस दर्ज करना व्यावहारिक रूप से कठिन हो जाता है। विभाग ने आदेशित किया कि अॉनलाइन उपस्थिति नहीं तो वेतन कटौती की जाएगी।

-संकुल प्राचार्य भी होंगे उत्तदायी

जबलपुर जिले के स्कूलों के ई-अटेंडेंस की अनिवार्यता की सख्ती पर जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने आदेश जारी किए हंै। जारी आदेश में प्राचायों से कहा गया है कि आपके अपने अधीनस्थ सभी शिक्षकों को ई-अटेंडेंस के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराया जाना सुनिश्चित करें। साथ में प्रतिदिन ई-अटेंडेंस की प्रगति की समीक्षा करें। आगामी माह का वेतन ई-अटेंडेंस के आधार पर ही आहरित किया जाए। शिक्षकों की उपस्थिति के लिए संकुल प्राचार्य एवं संबंधित शिक्षक उत्तरदायी होंगे।


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