नेचुरल्स फैक्ट्री में गंदगी का ' कल्प ' बना आंवले का ' पल्प ', लायसेंस टर्मिनेट, देखें वीडियो



जबलपुर।
अधारताल के बघेली गांव में एक नेचुरल्स फैक्ट्री की गंदगी के बीच आंवले का पल्प तैयार किया जा रहा था। यह खुलासा शुक्रवार को खाद्य सुरक्षा विभाग के छापे ने उजागर किया है। प्रशासन ने फैक्ट्र्ी का लायसेंस निलंबित कर दिया है। इस दौरान कारोबार का संचालन भी पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया है।


सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अमले ने बघेली गांव की एस एस नेचुरल्स् फैक्ट्री में छापा मारा था। छापा दल फैक्ट्र्ी में उड़ती दुर्गंध और पसरी गंदगी से अवाक रहे गए थे। आलम यह था कि कारखाने के भीतर ऐसा लग रहा था कि वहां सफाई की ही नहीं जाती है। उसी में आंवले का पल्प तैयार किया जा रहा था। खाद्य कारखाने में कर्मचारियों की कोई यूनिफॉर्म नहीं थी और न ही उनके सिर में टोप या हाथों में दस्ताने हों।


कारखाने के भीतर बॉयलर की सफाई नहीं थी। उसी दशा में आंवले डाले जा रहे थे। इन उबलने वाले आंवलों को ड्र्मों में भरकर रखा जा रहा था। कुछ ड्र्मों की हालत यह हो गई थी कि पल्प के रॉ-मटेरियल में फंगस दिखाई दे रही थी। उधर, कारखाने में अनियमितता यहीं तक सीमित नहीं रही, जहां इस पल्स के सूखते ही उसे जमीन पर रखकर उसे पॉलीथिन लगाकर अन्य ड्र्मों में भरा जा रहा था।


खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि एसएस नेचुरल्स फैक्ट्री की जांच में यह सामने आया कि आंवले को उबाल कर उसका पेस्ट तैयार किया जा रहा था। आंवलों को उबालने की प्रक्रिया ही काफी गंदगी के बीच की जा रही थी, जो सेहत के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकती है। ऐसे हालात में प्रतिष्ठान पर कार्रवाई करते हुए उसका खाद्य लायसेंस निलंबित कर दिया गया। गौरतलब है कि आंवले का पल्प कई आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। इसका सबसे ज्यादा उपयोग च्यवनप्राश में किया जाता है। इसके अलावा आंवला कैंडी सहित अन्य खाद्य व्यंजनों में भी उपयोग है।

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