नई दिल्ली. रेलवे प्रशासन ने ट्रेनों से कचरा फेंकने की समस्या को गंभीरता से लिया है। चलती ट्रेन से कचरा फेंकने पर ओबीएचएस एजेंसी को टर्मिनेट करने का निर्णय लिया गया है। रेलवे का उद्देश्य ट्रेनों और ट्रैक की सफाई व्यवस्था को सुधारना है, और कचरा फेंकने की घटनाओं को नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। यहां तक कि पैंट्री कार व यात्रियों की छोड़ी गई खाने-पीने की वस्तुएं भी ट्रैक पर फेंकी जा रहीं। इसकी रोकथाम को ओबीएचएस और पैंट्री कार कर्मियों से संवाद होगा।
कॉमर्शियल-मैकेनिकल विभाग की होगी जिम्मेदारी
रेलवे के कामर्शियल और मेकेनिकल विभाग को यह जिम्मा मिला है। दोनों विभागों के सुपरवाइजर आउटसोर्स कर्मियों से संवाद कर निर्धारित स्टेशन पर कूड़ा निस्तारण के प्रति जागरूक करेंगे। इसके बाद भी यदि चलती ट्रेन से कूड़ा फेंकने की शिकायतें आईं तो ओबीएचएस एवं पैंट्री कार एजेंसी टर्मिनेट की जाएगी। रेलवे बोर्ड ने आदेश भी जारी कर दिया है।
यह है रेलवे बोर्ड का आदेश
रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर-एमई पर्यावरण एवं हाउसकीपिंग सतीश सिंह की ओर से दिए गए आदेश में कहा गया है कि कैटरिंग व ओबीएचएस कर्मियों को कूड़ा प्रबंधन और निस्तारण के निर्देश पहले ही दिए गए थे। कूड़ा निस्तारण के लिए स्टेशन भी निर्धारित हैं। इसके बाद भी उसका समुचित प्रबंधन नहीं हो रहा। इसलिए कामर्शियल एवं मैकेनिकल विभाग के सीनियर सुपरवाइजर आउटसोर्सिंग कर्मियों के अलावा लाइसेंसी एजेंसी संचालकों की भी काउंसिलिंग करेंगे। निर्देशों के उल्लंघन पर अनुबंध को शर्तों के अनुसार समाप्त कर दिया जाएगा।
प्रत्येक ट्रेन में कूड़ा निस्तारण बैग, डाटा भी रहेगा सुरक्षित
निर्धारित स्टेशन पर कूड़ा निस्तारण के लिए प्रत्येक ट्रेन के लिए निर्धारित मात्रा में डिस्पोजल बैग उपलब्ध कराए जाएंगे। मार्ग में एकत्रित होने वाले कचरे का आकलन होगा। उसके आधार पर नामित स्टेशनों पर कर्मचारियों द्वारा कचरा बैग की न्यूनतम संख्या भी निर्धारित होगी। उसका डाटा भी सीएमएम सिस्टम में स्टोर रहेगा। स्टेशनों के नाम और ओबीएचएस या पैंट्री कार द्वारा निपटाए जाने वाले अपेक्षित कचरे की सूची बनाने के लिए एप्लिकेशन सीएमएम पर उपलब्ध है।
