पेंटीनाका फ्लाईओवर में फंसा रक्षा मंत्रालय की एनओसी का पेंच


एमपीआरडीसी ने अनुमति के लिए दिल्ली भेजा प्रस्ताव, 44 करोड़ होगी लागत, लंबाई एक किलोमीटर

जबलपुर। पेंटीनाका फ्लाईओवर का निर्माण शुरु होने में अब एक आखिरी बाधा है रक्षा मंत्रालय की हरी झंडी। हालाकि,  मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने पूरा मसौदा दिल्ली रवाना कर दिया है और उम्मीद है कि एनओसी मिल जाएगी,लेकिन संभावना है कि यदि रक्षा मंत्रालय द्वारा जांच-पड़ताल में वक्त ले लिया गया तो जबलपुर को मिलने वाली ये सौगात अभी कुछ दिन और टल सकती है। उल्लेखनीय है कि कॉरपोरेशन द्वारा ये प्रोजेक्ट 44 करोड़ रुपये से बनाया जाएगा, जिसकी लंबाई एक किलोमीटर होगी। 

-क्या है प्रोजेक्ट के ब्लू  प्रिंट में 

एमपीआरडीसी द्वारा मंत्रालय को प्रेषित इस प्रोजेक्ट के ब्लू प्रिंट में फ्लाईओवर से जुड़े सभी पहलुओं की जानकारी दर्ज की है। मसलन, फ्लाईओवर कितनी चौड़ाई को होगा, कैसे रैंप होंगे और विद्युत कनेक्शन सहित पूरी डिजाइन को शामिल किया गया है। गौरतलब है कि जिस हिस्से में फ्लाईओवर बनना है वह सड़क रक्षा मंत्रालय के अधीन है। इसमें किसी भी तरह के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय से अनुमति जरूरी है। एक अच्छी बात ये है कि इस प्रोजेक्ट के लिए किसी तरह का भू-अर्जन नहीं किया जाना है।  

-ऐसा है फ्लाईओवर का नक्शा

ये फ्लाईओवर पेंटीनाका चौराहे के पहले से वायएमसीए तिराहे की ओर से सृजन चौक की ओर चौराहा क्रॉस करते हुये आगे बढ़ेगा। इसकी कुल लंबाई एक किलोमीटर होगी।  ऊपर के हिस्से में  36 फीट चौड़ी सड़क मिलेगी। इस फ्लाईओवर के बन जाने के बाद पेंटीनाका चौराहे पर लगने वाले जाम से स्थाई निजात मिलेगी। 



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