जबलपुर के 10 हजार कर्मचारियों को सरकार ने नौ महीने के लिए माना 'अपना'

 


आयुध निर्माणियों के स्टाफ की रक्षा मंत्रालय ने तीसरी बार बढ़ाई डीम्ड डेपुटेशन,पे-कमीशन मिलने भी अब कोई अड़चन नहीं

जबलपुर। जबलपुर की चारों आयुध निर्माणियों में कार्यरत 10 हजार से ज्यादा कर्मचारियों का डीम्ड डेपुटेशन रक्षा मंत्रालय ने तीसरी बार 30 सितंबर 2026 तक बढ़ा दिया है। इसकी अवधि 31 दिसंबर को समाप्त हो रही थी। सरकार ने कर्मचारियों को 9 महीने  के लिए ही सही, लेकिन सरकारी कर्मचारी मान लिया गया है। सरकार के इस आदेश के पीछे की वजह ये है कि  90 से 95 फीसदी कर्मचारी खुद को सरकारी कर्मचारी बनाए रखना चाहते हैं। यही वजह है कि निगमीकरण के बाद बनी सात रक्षा कंपनियां अपनी एचआर पॉलिसी भी नहीं बना पा रही हैं।

-निर्माणियों के विघटन से शुरु हुई कहानी

रक्षा मंत्रालय और आयुध निर्माणियों के कर्मचारियों के बीच तनातनी 1 अक्टूबर 2021  शुरु हुई, जब सरकार ने आयुध निर्माणी बोर्ड का विघटन कर देश की सभी निर्माणियों को 7 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में समाहित कर दिया था। निगमीकरण के बाद कर्मचारियों को इनमें प्रतिनियुक्ति यानी डीम्ड डेपुटेशन पर रखा गया। वे इन उपक्रमों के कर्मचारी नहीं हैं,।  

-पे कमीशन का लाभ मिलना भी तय

सरकार के इस आदेश से कर्मचारियों की 8वें कमीशन का लाभ मिलने की चिंता भी दूर हो गई है। क्योंकि सरकार ने आखिरी बार डीम्ड डेपुटेशन की तिथि 31 दिसंबर तय की थी जबकि पे कमीशन का लाभ 1 जनवरी 2026 से मिलना है। कर्मचारी और अधिकारियों के संगठनों की मांग है कि  भले सरकार ने निगमीकरण कर दिया है लेकिन उन्हें नियुक्ति भारत सरकार के कर्मचारी के रूप में मिली थी। सरकार ने निगम बनाने का फैसला उनकी सेवा अवधि के बीच में लिया है। इसलिए सेवा शर्तों के अनुसार उन्हें सेवानिवृत्ति तक इसका लाभ मिले।



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