सिवनी हवालाकांड में HC का आदेश, कार चालक को सुरक्षित घर तक पहुंचाकर आए, सम्हाल कर रखे सीसीटीवी फुटेज

 

जबलपुर। एमपी के सिवनी में हुए हवालाकांड में जिस कार से हवाला का रुपया बरामद किया था उसके चालक सोहनलाल को हाईकोर्ट ने सुरक्षित घर तक छोडऩे के आदेश दिए हैं। साथ ही हाईकोर्ट ने आदेश दिए कि जहां-जहां चालक को रखा गया उसके सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखे जाएं।                                                                       
                                     जालना निवासी गंगाबाई परमार ने अपने पति सोहनलाल परमार की रिहाई को लेकर हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पति को पुलिस ने कई दिनों तक गैरकानूनी रूप से हिरासत में रखा है। आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ में हुई। याचिका में गंगाबाई ने बताया कि उनके पति को 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। 12 अक्टूबर को छोड़ा गया, लेकिन इसके बाद जालना पुलिस ने दोबारा गिरफ्तार कर सिवनी पुलिस के हवाले कर दिया। इसके बाद हवाला केस के कार चालक को पुलिस द्वारा हाईकोर्ट में पेश किया गया। जिस पर हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश जारी किए। साथ ही सोहनलाल की मेडिकल जांच करवाने के आदेश भी दिए हैं। सोहनलाल की पत्नी ने यह भी आरोप लगाया कि इस दौरान न तो ट्रांजिट रिमांड ली गई और न ही मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। जिससे गिरफ्तारी की वैधानिकता पर सवाल खड़े हो गए हैं। गौरतलब है कि इस मामले में शामिल एसडीओपी पूजा पांडे, एसआई अर्पित भैरम सहित 10 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका हैए जबकि एक पुलिसकर्मी अब भी फरार हैं। इस मामले में सिवनी पुलिस ने अपने ही साथियों के खिलाफ डकैती का केस दर्ज किया है।

सोहन परमार से जब्त किए गए थे 2.96 लाख रुपए- 

सिवनी पुलिस ने नागपुर के शख्स सोहन परमार से करीब 2.96 करोड़ रुपए जब्त किए थे। पुलिस पर आरोप है कि रिपोर्ट में जब्ती सिर्फ एक करोड़ 45 लाख रुपए की दिखाई। यहां तक कि आरोपी को भी बिना कार्रवाई छोड़ दिया। इसकी जानकारी वरिष्ठ अफसरों को भी नहीं दी। जिसके बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया था। 9 अक्टूबर को सीएसपी पूजा पांडे और एसआई अर्पित भैरम ने यह 1.45 करोड़ रुपए की रकम जमा कराई थी। मामला सामने आने के बाद 9 अक्टूबर की रात को आईजी प्रमोद वर्मा ने थाना प्रभारी अर्पित भैरम समेत 9 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद 10 अक्टूबर को डीजीपी कैलाश मकवाना ने एसडीओपी पूजा पाण्डेय को भी सस्पेंड कर दिया था।


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