
गौरतलब है कि पिछले दिनों दमोह में एक युवक ने एक दूसरे युवक का एक वीडियो बनाया था जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करके लड़के के गले में जूते की माला दिखाई थी। वीडियो में जिस युवक के गले में जूते की माला दिखाई गई थी, वह ब्राह्मण समाज का था। इस घटना के बाद ब्राह्मण समाज ने एक पंचायत बुलाई। जिसमें ब्राह्मण समाज के लोगों ने युवक से माफी मंगवाई। जिस युवक का वीडियो बनाया था उसके पैर धुलवाए और जाति सूचक टिप्पणियां कीं। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव सचदेवा की कोर्ट ने दमोह पुलिस और जिला प्रशासन को आदेश दिया है कि आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाए। जातीय भेदभाव और मानवीकरण के साथ छेड़छाड़ गंभीर मामला है। इसलिए इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। जातीय पहचान प्रदर्शित करने से हिंदुओं का आंतरिक सौहार्द खतरे में है। मामले पर 15 अक्टूबर को अब अगली सुनवाई होगी।
युवक से पैर धुलवाकर वहीं पानी पिलाया गया था-
एमपी के दमोह में मीम पोस्ट को लेकर हुए विवाद में एक युवक से दूसरे युवक के पैर धुलवाए गए और उसे वही पानी पिलाया गया। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।