बताया गया है कि दमोह के मिशन अस्पताल में एंजियोग्राफी के दौरान सात मरीजों की मौत हो गई थी, जिसकी जांच में पता चला था कि एंजियोग्राफी करने वाला डॉक्टर एन जॉन केम फर्जी डिग्री पर काम कर रहा था, जिसे अस्पताल की प्रबंध समिति ने मंजूरी दी थी। पुलिस ने फर्जी डॉक्टर एन जॉन केम को भी उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया था, डाक्टर एन जॉन फिलहाल जेल में है। वहीं इस मामले में फरार आरोपियों पर एसपी एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने 3-3 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। इसके बाद मामले में पहली गिरफ्तारी विजय लैंबर्ट के रुप में की गई है, जिन्हे उत्तराखंड से पकड़ा है। इस मामले में मिशन अस्पताल प्रबंधन समिति के 7 अन्य आरोपी फ्रैंक हैरिसन, इंदु लाल, जीवन मैसी, रोशन प्रसाद, कदीर यूसुफ, डॉ अजय लाल व संजू लैंबर्ट अभी भी फरार हैं।