जस्टिस अतुल श्रीधरन को भेजा गया इलाहाबाद,मंत्री विजय शाह वाले मामले में भी लिया था सो-मोटो
जबलपुर। बीते 14 अक्टूबर को दमोह में कुशवाहा समाज के युवक से ब्राह्मण वर्ग के युवक के पैर धुलवाने के मामले में स्वतःस्वतःसंज्ञान लेने वाले मप्र हाईकोर्ट के जज जस्टिस अतुल श्रीधरन का ट्रांसफर इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया गया है। उन्होंने मंत्री विजय शाह के कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए विवादित बयान और मामलों में स्वतः संज्ञान लिया था।
-पहले छत्तीसगढ़ भेजा गया था, अब इलाहाबाद
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पहले जस्टिस अतुल श्रीधरन को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट भेजने की अनुशंसा की थी, लेकिन केंद्र सरकार के आग्रह पर आदेश संशोधित किया गया। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 27 अगस्त 2025 को 14 जजों के ट्रांसफर की सिफारिश की थी, जिनमें जस्टिस अतुल श्रीधरन का नाम भी शामिल था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर उन्हें छत्तीसगढ़ भेजा जाता तो वे वहां दूसरे सबसे सीनियर जज होते, जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनकी सीनियरिटी सातवें नंबर पर रहेगी।
-2016 में पहली बार आए थे जबलपुर हाईकोर्ट
जस्टिस श्रीधरन को 2016 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया था। बतौर वकील वे वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मण्यम के चेंबर में पांच साल रहे। इसके बाद उन्होंने इंदौर में वकालत शुरू की। वर्ष 2023 में उन्होंने स्वेच्छा से स्थानांतरण की मांग की थी। तब उन्हें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट भेजा गया था, जहां से उन्हें 2025 में पुनः मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में बुला लिया गया।
