भोपाल का मछली परिवार फिर सुर्खियों में,हाईकोर्ट ने दी सशर्त राहत

 


फ्रीज खाते खोले जाएं,लेकिन कैश विड्रॉल सीमित हो, पुलिस की जांच जारी रहेगी, पुलिस कानूनी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र

जबलपुर।   भोपाल का बहुचर्चित मछली कांड आज फिर सुर्खियों में आ गया। मप्र हाईकोट्र की जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने इस मामले से जुड़े नौ याचिकाकर्ताओं को आज राहत दे दी। कोर्ट ने फ्रीज किए गए बैंक खातों को डी-फ्रीज करने के आदेश दिए हैं। वहीं मछली परिवार से जुड़े लोगों के घर ढहाने पर सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है। उल्लेखनीय है कि यौन उत्पीड़न, ड्रग तस्करी और जमीन पर कब्जे के मामले में  यासीन अहमद मछली के परिवार पर कानूनी शिकंजा कसा गया है। याचिकाकर्ताओं  की ओर से तर्क दिया गया कि किसी पर भी आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है, इसलिए खातों को फ्रीज करना असंगत है,जिससे माननीय न्यायालय भी राजी हुआ। कोर्ट ने ये जरूर कहा कि  बैंक खातों से आरबीआई के नियमों के तहत ट्रांजेक्शन किया जा सकता है, लेकिन  लिमिट से ज्यादा का कैश विड्रॉल ना हो। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सुरक्षित रखे फैसले को सार्वजनिक करते हुए उक्त निर्देश दिए हैं।

-पुलिस अपनी जांच को जारी रखे 

कोर्ट ने भोपाल पुलिस को मामले की जांच जारी रखने के निर्देश भी दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि यदि कोई आपत्तिजनक सामग्री बरामद होती है तो पुलिस कानूनी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है। मछली परिवार ने मकान तोड़ने की कार्रवाई, बैंक खाते फ्रीज करना, हथियार के लाइसेंस को कैंसिल करना और ई-मेल को ब्लॉक करने की कार्रवाई को चुनौती दी थी। इससे पहले,  26 सितंबर  सुनवाई के दौरान भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह और क्राइम ब्रांच के डीसीपी अखिल पटेल ने व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर बताया था कि आरोपी के खाते से पिटीशनर के अकाउंट में एक बड़ी रकम का ट्रांजेक्शन हुआ है, जिसकी जांच पेंडिंग है। हाईकोर्ट ने कहा कि मामले पर भोपाल पुलिस अपनी जांच को जारी रखे साथ ही मछली परिवार से जुड़े लोगों के घर ढहाने पर सरकार विस्तृत जवाब दे।


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