नए सत्र के तीन महीने बीत जाने के बाद संचालकों की चुप्पी पर सवाल
जबलपुर। निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर शिकंजा कसने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग लगातार तीन महीने से स्कूल संचालकों को पत्र लिख रहा है,लेकिन जबलपुर के अधिकांश स्कूल संचालकांे ने ना तो पोर्टल पर जानकारी अपडेट की और ना ही विभाग को कोई जवाब ही दिया। अब विभाग ने ताजा पत्र लिखा है,जिसमें फीस की जानकारी अपडेट करने के लिए अल्टीमेटम दिया है। विभाग ने पहला पत्र इसी साल 25 जुलाई को लिखा था,जिसके बेअसर होने के बाद अब फिर से पत्र लिखा है। विभाग ने कहा कि यदि संचालक फीस की जानकारी को गंभीरता के साथ नहीं लेते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।
-दो साल से जारी है कार्रवाई
जबलपुर के तत्कालीन कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जबलपुर में करीब दो साल पहले पहली बार कई स्कूलों संचालकों को ज्यादा फीस के रूप में ली गई करोड़ों रुपए की राशि को अभिभावकों को लौटाने पर मजबूर किया था। इसी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए अब प्राइवेट स्कूलों को फीस के संबंध में नियमानुसार जानकारी देने के लिए बाध्य किया जा है। प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों द्वारा ली जा रही फीस की उचित जानकारी देना अनिवार्य किया गया है। इसके अंतर्गत स्कूलों को पोर्टल पर फीस अपलोड करने का प्रावधान है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि स्कूलों को नियमानुसार फीस की जानकारी हर हाल में देनी होगी। स्कूलों को इसके लिए 3 दिन का समय दिया गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार ऐसा नहीं किए जाने पर स्कूलों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई तय है।
-क्यों आए कार्रवाई के घेरे में
कलेक्टर दीपक सक्सेना जांच के दौरान पाया गया कि मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस और संबंधित विषयों का विनिमय अधिनियम 2017 के तहत गठित जिला समिति ने भी इन स्कूलों में अनियमितता पाई है। अधिनियम लागू होने के 90 दिन के भीतर वर्षों का लेखा .जोखा प्रस्तुत भी नहीं किया। दिसंबर 2020 में जब नियम लागू हुआ तो ऑनलाइन पोर्टल पर हर साल की ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी थी। जिला कार्यालय में भी जमा किया जाना थी। तीनों स्कूल प्रबंधन ने यह काम नहीं किया। शैक्षणिक वर्ष 2017-18 से लेकर 2020-21 को फीस में की गई बढ़ोत्तरी की जानकारी भी नहीं दी गई। इसके अलावा तक फीस वृद्धि की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई।
वर्जन
निश्चित कार्रवाई की जाएगी
बार-बार पत्राचार करने के बाद भी यदि निजी स्कूल संचालक फीस का ब्यौरा पोर्टल पर अपडेट नहीं करेंगे तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी। विभाग द्वारा अंतिम चेतावनी दी गयी है।
घनश्याम सोनी, जिला शिक्षा अधिकारी
