कंपनियों ने तकनीकी खामियों के कारण तीन साल की मोहलत ली, मंत्री ने उसी स्मार्ट मीटर के गिना डाले फायदे
जबलपुर। स्मार्ट मीटर को लेकर मप्र सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं मध्यप्रदेश की ही बिजली कंपनियों के बयानों में विरोधाभाष अब जनता को भ्रमित कर रहे हैं। एक तरफ बिजली कंपनियों ने मप्र नियामक आयोग के सामने याचिका दायर कर स्मार्ट मीटर की तकनीकी खामियों का हवाला देकर तीन साल की रोक हासिल कर ली है। वहीं, आज जबलपुर में ऊर्जा मंत्री ने स्मार्ट मीटर के फायदे गिनाते हुए उसकी तारीफों के पुल बांध दिए। इस मामले में कांग्रेस हमलावर है और जल्दी ही जन आंदोलन की तैयारी कर रही है और अब मंत्री के इस बयान से मामला और तूल पकड़ सकता है।
-पालनाघर तथा एएमआई सेंटर का उद्घाटन किया
मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने बुधवार को जबलपुर स्थित बिजली मुख्यालय में अधिकारियों से मुलाकात की और शक्ति भवन परिसर में पालनाघर तथा एएमआई नेटवर्क ओपन सेंटर का उद्घाटन किया। साथ ही स्मार्ट मीटर और शट-डाउन की जानकारी के लिए ऑनलाइन केंद्र का भी शुभारंभ किया । बिजली विभाग के पालनाघर में माताएं अपने बच्चों को सुरक्षित छोड़ सकती हैं। वहींए स्मार्ट मीटर से संबंधित जानकारी और शिकायतों के लिए ऑनलाइन सेंटर उपभोक्ताओं के लिए नई सुविधा उपलब्ध कराएगा।
-कांग्रेस के आरोपों खारिज किया
श्री तोमर ने कांग्रेस के स्मार्ट मीटर से जुड़ सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि इसमें पाकिस्तानी कनेक्शन नहीं है। ये स्मार्ट मीटर भारत में निर्मित हैं और इन्हें मेक इन इंडिया के तहत तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को उनकी रियल टाइम बिजली खपत देखने की सुविधा देता है। उपभोक्ता मोबाइल एप के जरिए अपनी खपत दैनिक या मासिक आधार पर जान सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक उपभोक्ताओं को 20 प्रतिशत तक की छूट मिल रही है। इस महीने अब तक 7 लाख उपभोक्ताओं को 7 करोड़ रुपये का लाभ मिला है।
-विधानसभा में उठ चुका है सवाल
स्मार्ट मीटर को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा में गंभीर सवाल उठाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका सऊदी अरब की अल्फानार कंपनी को दिया गया हैए जिसके प्रमुख पदों पर पाकिस्तानी नागरिक हैं। सिंघार ने आशंका जताई कि स्मार्ट मीटर के नाम पर उपभोक्ताओं से लिए जा रहे दस्तावेज पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों तक पहुंच सकते हैं।