मध्यम वर्ग के बच्चों की पढ़ाई की मुश्किलें बढ़ीं, प्रायवेट कॉलेज वसूल रहे मोटी फीस
जबलपुर। नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता के मामले में जबलपुर का निराशा हाथ लगी है। भाजपा नेताओं की भारी-भरकम ताकत के बावजूद जबलपुर का शासकीय ऑटोनॉमस आयुर्वेद कॉलेज मान्यता से वंचित रह गया। हालाकि, नियमानुसार देखा जाए तो इस कॉलेज में वो सारी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी,जो मान्यता के लिए जरूरी होती हैं,लेकिन बड़ा सवाल ये है कि मान्यता की प्रक्रिया के दौरान इन सुविधाओं की व्यवस्था क्यों नहीं की गयी।
-इसलिए नहीं मिली मान्यता
इस कॉलेज के पास केवल 2 फैकल्टी कार्यरत और प्राचार्य व अन्य स्टाफ के पद खाली हैं। सूत्रों ने बताया कि जब विभाग ने पहले ही नोटिस वगैरह जारी कर कॉलेज से कहा था कि वे सभी अर्हताएं पूरी कर ले। कॉलेज के प्रबंधन ने भी काफी कोशिशें की,लेकिन भोपाल से सकारात्मक संकेत नहीं मिले। हालाकि, भाजपा के दिग्गज नेताओं ने स्टाफ को आश्वासन दिया था कि मान्यता हर हाल में मिल जाएगी, पर चूंकि मामला न्यायालय की नजर में है इसलिए कायदों से खिलवाड़ नहीं किया जा सका।
-तीन महीने लेट हुआ सत्र
फार्मेसी कोर्स के लिए निजी कॉलेजों को मान्यता तो मिल गई लेकिन नया सत्र तीन माह लेट हो गया है। बढ़ते कॉलेजों की संख्या से जहां सीटें तो बढ़ रही हैं, वहीं एडमिशन प्रक्रिया लंबी खिंचने से छात्रों की पढ़ाई देर से शुरू हो रही है। नवंबर तक काउंसलिंग होने के आसार हैं, जबकि इंजीनियरिंग और अन्य तकनीकी कोर्सों में प्रवेश प्रक्रिया समय पर पूरी कर ली गई है। इन कोर्सों के लिए नया सत्र एक सितंबर से सुचारू रूप से शुरू हो चुका है, जबकि फार्मेसी स्टूडेंट्स अब भी काउंसलिंग और सीट अलॉटमेंट का इंतजार कर रहे हैं।
-दूसरी लिस्ट कल जारी होगी
फॉर्मेसी कोर्स में अब तक महज पहले राउंड के ही एडमिशन पूरे हुए हैं। पहले चरण के तहत बी.फार्मेसी की 14,128 सीटों पर आवंटन हुआ, लेकिन केवल 4,763 विद्यार्थियों ने ही कॉलेजों में प्रवेश लिया। फार्मेसी कोर्स के द्वितीय चरण के लिए रजिस्ट्रेशन पूरे किए जा चुके हैं। दूसरे चरण की सीट अलॉटमेंट लिस्ट 6 अक्टूबर को जारी की जाएगी। जिन विद्यार्थियों को सीट मिलेगी, वे 16 अक्टूबर तक फीस जमा कर प्रवेश ले सकेंगे।
-23 से शुरू होगा सीएलसी राउंड इसके बाद भी जिन विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिल पाया है, उनके लिए 23 अक्टूबर से सीएलसी (कॉलेज लेवल काउंसलिंग) राउंड की शुरुआत होगी। यह प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जाएगी। यानी कि नवंबर तक फार्मेसी की काउंसलिंग चलती रहेगी, जिससे सत्र की शुरुआत में लगभग तीन महीने की देरी हो चुकी होगी।
