लखनऊ. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के मंडलीय कारागार में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक कैदी ने जेल प्रशासन की लापरवाही का फायदा उठाकर बड़ा खेल खेला. रामजीत यादव उर्फ संजय नामक कैदी ने जेल के सरकारी खाते की केनरा बैंक चेकबुक चुरा ली और रिहाई के बाद उसका दुरुपयोग कर 30 लाख रुपये निकाल लिए. इस घटना ने जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
रामजीत यादव, जो ग्राम जमुआ शाहगढ़, थाना बिलरियागंज का निवासी है, अपनी पत्नी की हत्या के मामले में 24 फरवरी 2023 को जेल भेजा गया था. 20 मई 2024 को जमानत पर रिहा होने के दौरान उसने जेल अधीक्षक के नाम से संचालित केनरा बैंक की चेकबुक चोरी कर ली.
लगातार निकालता रहा पैसे, प्रशासन बेखबर
रिहाई के अगले दिन, 21 मई 2024 को रामजीत ने 10 हजार रुपये निकाले. इसके बाद 22 मई को 50 हजार और चार दिन बाद 1.40 लाख रुपये निकाल लिए. वह फर्जी हस्ताक्षर के जरिए रामजीत रकम निकालता रहा, लेकिन जेल प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. 22 सितंबर 2025 को 2.60 लाख रुपये की निकासी के बाद जेल अधीक्षक आदित्य कुमार सिंह को मामले का पता चला.
चार आरोपियों पर मुकदमा दर्ज
जांच में पता चला कि रामजीत खुद को जेल का ठेकेदार बताकर फर्जी हस्ताक्षर से पैसे निकाल रहा था. जेल अधीक्षक ने तुरंत कार्रवाई करते हुए रामजीत यादव, शिव शंकर उर्फ गोरख, वरिष्ठ सहायक मुशीर अहमद और चौकीदार अवधेश कुमार पांडेय के खिलाफ आजमगढ़ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने चारों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.