ब्यूटी पार्लर में सांप होने की सूचना लोगों को मिली भीड़ जमा हो गई। भीड़ में से किसी युवक ने वन विभाग व सर्प रेस्क्यू टीम को सूचना दी। टीम ने सर्प को पकड़ा, जिसकी पहचान रेड सैंड बोआ के रूप में हुई। यह सर्प अपनी दुर्लभता और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च कीमत के लिए जाना जाता है। रेस्क्यू किए गए इस सर्प का वजन 7 किलोग्राम से अधिक और लंबाई लगभग 3 से 4 फीट है। इसका शरीर तांबई-लाल या भूरे रंग का होता है, जो धूप में तांबे जैसा चमकता है। वन विभाग ने इसे सुरक्षित रूप से रेस्क्यू करने के बाद आज दोपहर 1 बजे मुकुंदपुर चिडिय़ाघर में संरक्षित कर दिया है।
रेड सैंड बोआ को आमतौर पर दो मुंहा सांप भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी पूंछ का आकार इसके सिर जैसा होता है। यह एक विषहीन और शांत स्वभाव का जीव है। ये खेतों में चूहों की आबादी को नियंत्रित कर पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि अंधविश्वास व अवैध तस्करी के कारण यह प्रजाति विलुप्ति के कगार पर है। वनपाल पंकज मिश्रा और उनकी रेस्क्यू टीम के अनुसार अंतरराष्ट्रीय अवैध बाजार में इस सर्प की कीमत 3 करोड़ से 25 करोड़ रुपए तक आंकी जाती है। कुछ देशों में इसे लकी स्नेक या गुड लक चार्म के रूप में देखा जाता है। यह अंधविश्वास कि इससे धन.संपत्ति या सौभाग्य प्राप्त होता हैए इसके अवैध व्यापार को बढ़ावा देता है।
भारत में इसे पकडऩा या मारना क्राइम
भारत में रेड सैंड बोआ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची में शामिल है,इसको पकडऩा, बेचना या मारना कानूनी अपराध है। सीधी जिले में पिछले छह महीनों में यह तीसरा मामला है जब यह सर्प मिला है। वन विभाग अब यह जांच कर रहा है कि यह किसी स्थानीय प्रजनन का परिणाम है या किसी तस्करी नेटवर्क से जुड़ा मामला।