जहरीले सिरप से अब तक 23 बच्चों की मौत, डिप्टी CM राजेन्द्र शुक्ल ने सिविल सर्जन को हटाया,

 

छिंदवाड़ा। एमपी के छिंदवाड़ा में जहरीले सिरप ने अब तक 23 बच्चों की जान ले ली है। इस मामले में आज डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के सिविल सर्जन नरेश गोन्नाड़े को हटा दिया है। उनकी जगह डॉ सुशील दुबे नए सिविल सर्जन बनाए गए हैं। नरेश गोन्नाड़े सीएमएचओ भी हैं, उनके पास सिविल सर्जन का प्रभार भी था। जिसके बाद उनसे सिविल सर्जन का चार्ज वापस ले लिया गया है।                                                                   
                            डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने आज कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान ड्रग इंस्पेक्टर ने उन्हें लैब की खामियां गिनाई। वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने मृत बच्चों के परिजन से भी मुलाकात की है। इससे पहले डिप्टी सीएम देर रात को नागपुर पहुंचे और अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती बीमार बच्चों से मिले। फिर श्री शुक्ल छिंदवाड़ा पहुंचे। बैठक में ड्रग इंस्पेक्टर ने स्वास्थ्य मंत्री को लैब की कमियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भोपाल की लैब को अपडेशन की जरूरत है। वहां पर ही माइक्रो लेवल पर टेस्टिंग नहीं हो पाती और जांच में भी समय लगता है। इस मौके पर जिला औषधि विक्रेता संघ ने भी स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर अपनी समस्या बताई। अध्यक्ष संतोष चौरे ने कहा कि प्रशासन हम पर सभी तरह के कफ सिरप न बेचने का दबाव बना रहा है। ऐसे में मौसमी बीमारियों के मरीजों को भी हम दूसरी कंपनियों के सिरप नहीं दे पा रहे हैं। हमें इस पर स्पष्ट गाइडलाइन चाहिए।

डाक्टरों से सीएम बोले ये हड़ताल के लिए सही समय नहीं है-

स्वास्थ्य मंत्री ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों से भी मुलाकात कर अनुरोध किया कि ऐसे इमरजेंसी के हालात में हड़ताल पर न जाएं, क्योंकि इससे डॉक्टरों की छवि पर फर्क पड़ता है। जिसपर आईएमए की जिला अध्यक्ष डॉ अल्पना शुक्ला ने बताया कि मंत्री के अनुरोध पर कार्यकारिणी की बैठक के बाद हड़ताल पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। 


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