केंद्र सरकार का ड्रेस भत्ते को लेकर नया आदेश, 1 जुलाई 2025 से प्रभावी रहेगा

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के ड्रेस भत्ते से जुड़ी गाइडलाइन में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब नए नियमों के तहत, 1 जुलाई 2025 के बाद नियुक्त होने वाले नए कर्मचारी भी इस भत्ते के पात्र होंगे। यह निर्णय केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों में पारदर्शिता और स्पष्टता लाने के उद्देश्य से लिया गया है।

ड्रेस भत्ते को लेकर एक नया आदेश जारी किया, जिसमें यह कहा गया है कि जो कर्मचारी साल के बीच में नौकरी ज्वॉइन करते हैं या सेवानिवृत्त होते हैं, उन्हें अब प्रोपोर्शनल (अनुपातिक) ड्रेस भत्ता मिलेगा। यानी, उन्हें पूरे वर्ष का भत्ता नहीं, बल्कि काम किए गए महीनों के अनुसार राशि दी जाएगी।

क्या होता है ड्रेस भत्ता?

ड्रेस भत्ता उन कर्मचारियों को दिया जाता है जिन्हें ड्यूटी के दौरान यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य होता है। अगस्त 2017 में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, यह भत्ता पहले दिए जाने वाले विभिन्न यूनिफॉर्म भत्तों का एकीकृत रूप है।

ये भत्ते शामिल किये गये

कपड़े का भत्ता

बेसिक उपकरण भत्ता

यूनिफॉर्म रखरखाव भत्ता 

गाउन भत्ता

जूते का भत्ता

जून 2025 में जारी एक पुराने आदेश में कहा गया था कि जुलाई 2025 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के मामले में ड्रेस भत्ते पर स्पष्टता के लिए वित्त मंत्रालय से निर्देश मांगे गए हैं। अब मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जैसे नए नियुक्त कर्मचारियों को ड्रेस भत्ता अनुपात में मिलता है, वैसे ही जो कर्मचारी साल के बीच रिटायर होंगे उन्हें भी अनुपातिक ड्रेस भत्ता दिया जाएगा।

नए नियमों के अनुसार, अक्टूबर 2025 या उसके बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों से ज़रूरत पडऩे पर अतिरिक्त राशि की वसूली की जा सकती है। हालांकि, जो कर्मचारी 30 सितंबर 2025 से पहले रिटायर हुए हैं, उनसे कोई वसूली नहीं की जाएगी। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो कर्मचारी 1 जुलाई 2025 से पहले नियुक्त हुए हैं, उन्हें जून 2025 तक लागू नियमों के अनुसार ड्रेस भत्ता मिलेगा। कुछ मामलों में देखा गया कि पिछले साल का ड्रेस भत्ता जुलाई 2025 की सैलरी में शामिल नहीं किया गया था, जिसे अब सुधारने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।

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