1 और 2 की सिक्कों की जगह दौड़ रही ' चॉकलेट करंसी ' !


त्योहारों पर बाजारों से गायब हो रहे 5 के सिक्के

जबलपुर। त्योहार पर बाजारों में एक और दो रूपए की सिक्कों की जगह चॉकलेट करंसी दौड़ रही है। अघोषित रूप से चलने वाली इस करंसी एक-दो दुकानों में नहीं बल्कि शहर की तकरीबर सभी दुकानों में चल रही है। चॉकलेट करंसी के चलन में आने से एक-दो रूपए के सिक्के चलन से दूर होते जा रहे हैं। आलम यह है कि दुकानदारों के पास बोरियों से भरकर सिक्के पड़े हैं, जिसे कोई ग्राहक लेना नहीं चाहता है। अब तो बाजार में पांच के सिक्के भी कम ही नजर आ रहे हैं।

दुकानदारों ने हाथ खड़े किए

एक और दो रूपए के सिक्कों का चलन कम होते ही दुकानदारों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। वे ग्राहकों से एक और दो के सिक्के नहीं ले रहे हैं और न ही ग्राहकों को वे देते हैं। इससे हो यह रहा है कि जिस जगह ये सिक्के डम्प हो गए है, वे वहीं हैं। बाजार में नहीं उतर रहे हैं। 

ग्राहकों के नहीं लेना वजह आ रही सामने

सिक्कों को लेकर ग्राहक भी कई बार मना करते हैं। ऐसे में दुकानदारों ने भी सिक्का लेना बंद कर दिया क्योंकि ग्राहक जब सिक्के लेने तैयार नहीं होते हैं तो दुकानदारों के पास काफी ज्यादा सिक्के इकट्ठे हो गए हैं और उन्होंने सिक्के लेना बंद कर दिया। अब जब लेनदेन की बारी आती है तो इन सिक्कों की जगह चॉकलेट का इस्तेमाल किया जा रहा है।

सिक्के नहीं लेने पर हो सकती है कार्रवाई

सिक्के अभी भी चलन में हैं। किसी के सिक्के नहीं लेने पर शिकायत करने पर संबंधित दुकानदार पर कार्रवाई भी हो सकती है। भारत सरकार द्वारा जो समय-समय पर अलग-अलग आकार और अलग-अलग आकृति के 1, 2, 5, 10 और 20 और खास मौकों पर अलग-अलग रुपए के सिक्के जारी किए जाते हैं। वह भारत की वैध मुद्रा है। शिकायत भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर भी कर सकते हैैंर्। शिकायत के निराकरण के लिए रिजर्व बैंक जिला प्रशासन को ही निर्देशित करता हैं। भारतीय सिक्का अधिनियम 1906 के अनुसार सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले सिक्के वैध मुद्रा हैं और इनको स्वीकार ना करना इस अधिनियम का उल्लंघन है। ऐसा करने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत संबंधित दुकानदार पर मामला दर्ज किया जा सकता है।

कहते हैं दुकानदार

- लोग हमसे एक-दो के सिक्के नहीं लेते हैं। इससे हमारे पास बोरियों से सिक्के एकत्र हो गए हैं।

गौरव गुप्ता

- शुरूआत में तो लोग ले लेते थे लेकिन अब तो वे चॉकलेट लेना पसंद करते हैं, सिक्के नहीं लेना चाहते हैं।

कमलेश अग्रवाल


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