मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रशेखर व जस्टिस गौतम अंकलद की बेंच ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) व महाराष्ट्र सरकार को भी नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 6 सप्ताह बाद तय की है। गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट में पिछले हफ्ते एक अपील दायर की गई थी। अपील में दावा किया गया कि दोषपूर्ण जांच या जांच में कुछ खामियां आरोपियों को बरी करने का आधार नहीं हो सकतीं। इसके साथ ही दलील दी गई कि विस्फोट की साजिश गुप्त रूप से रची गई थी। इसलिए इसका प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं हो सकता है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि एनआईए की स्पेशल कोर्ट का 31 जुलाई को सात आरोपियों को बरी करने का आदेश गलत और कानूनी रूप से अनुचित था और इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए।