ज्योति विश्वकर्मा ने बताया कि बीते 14 सितंबर को वह अपनी बेटी के साथ बयान दर्ज कराने महिला थाना आई थी। इसी दौरान उसके पति राजभान विश्वकर्मा ने बच्ची को थाना परिसर से ले लिया और वापस नहीं किया। महिला का आरोप है कि इस घटना में महिला थाना की एक कर्मचारी की भूमिका भी संदिग्ध है। पीडि़ता के अनुसार वह पिछले चार साल से पति राजभान विश्वकर्मा से अलग रह रही है और बेटी की परवरिश कर रही थी। उनका बेटा पहले से ही पति के पास है। दोनों के बीच दहेज प्रताडऩा को लेकर विवाद चल रहा है। इस संबंध में महिला थाना प्रभारी श्वेता मौर्य ने स्पष्ट किया कि बच्चों की कस्टडी का मामला महिला थाना के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। उन्होंने महिला को न्यायालय का सहारा लेने की सलाह दी। थाना प्रभारी ने पुलिस द्वारा पैसे मांगने के आरोपों को निराधार बताया।