एमपी के अनूपपुर जिले में मनमानी कीमत पर दवाओं व मेडिकल उपकरणों की सप्लाई कर राज्य सरकार को करोड़ों की चपत लगाने के मामले में जितेंद्र तिवारी को गिरफ्तार करने की कार्यवाही एक साल पहले जून 2024 में की गई थी। दवाओं और उपकरणों के मामले में आर्थिक अनियमितता पाए जाने पर साइंस हाउस के डायरेक्टर जितेंद्र तिवारी व उसके भाई शैलेंद्र तिवारी के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद दिल्ली पहुंचते ही CISF ने इनकी गिरफ्तारी की थी।
पूरा परिवार बना था आरोपी-
दवा व मेडिकल उपकरण सप्लाईकर्ता फर्म साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड में ईओडब्ल्यू ने पूरे परिवार को आरोपी बनाया था। इसके डायरेक्टर्स में सुनैना पति शैलेंद्र तिवारी व जितेंद्र तिवारी, मेसर्स अनुसेल्स कॉरपोरेशन की प्रोप्राइटर अनुजा तिवारी पति जितेंद्र तिवारी व शैलेंद्र तिवारी पिता महेश बाबू शर्मा सहित मेसर्स सिन्को इंडिया के महेश बाबू शर्मा को ईओडब्ल्यू ने आरोपी बनाया था। सभी आरोपी एक ही परिवार के हैं पर इन्होंने तीन अलग.अलग कंपनियां बना रखी थीं।
जब्त दस्तावेजों और हार्ड डिस्क से खुला था राज-
EOW ने आरोपियों के भोपाल के गौतम नगर के आवास और कार्यालय की जांच में खरीदी से संबंधित दस्तावेजों की जानकारी मिली थी। यहां से कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क भी जब्त की गई थी। जांच में पता चला कि आरोपियों ने LUN से अधिक दर पर अनूपपुर CMHO कार्यालय में दवाओं और उपकरणों की सप्लाई की है।
बिड में गड़बड़ी कर प्रस्ताव पास कराया था-
साल 2019-20 में अनूपपुर जिले में दवा व मेडिकल उपकरण खरीदी में गड़बड़ी की गई। इस मामले में EOW ने प्रकरण दर्ज किया। इसमें तत्कालीन अनूपपुर CMHO डॉ बीडी सोनवानी, क्रय समिति अध्यक्ष व तत्कालीन अपर कलेक्टर सहित समिति में शामिल डॉक्टरों को आरोपी बनाया गया था। जांच में खुलासा हुआ कि बिड में गड़बड़ी कर कंपनियों ने प्रस्ताव पास कराया।
विदिशा से भोपाल आया जितेंद्र का परिवार-
जितेंद्र तिवारी के पिता विदिशा जिले में लेक्चरर रहे हैंं। जितेंद्र और उसके भाईयों की पढ़ाई शुरुआती दौर में विदिशा में ही हुई है। इसके बाद सभी भोपाल आ गए और दवाओं के कारोबार में शामिल हो गए। जितेंद्र तिवारी ने भारी भरकम निवेश भी रियल एस्टेट सेक्टर में प्रॉपर्टी बनाने में किया है। दवाओं और उपकरणों के कारोबार में करोड़ों कमा चुका जितेंद्र पिछले साल चाइना अपने दोस्तों को लेकर गया था और दो महीने तक वहां रुका था। इसके बाद लौटते ही अरेस्ट किया गया था।