नाबालिग बेटी से रेप के दोषी पिता को तिहरी उम्रकैद, कोर्ट ने कहा, आरोपी ने पिता-पुत्री के रिश्ते को कलंकित किया, दया का हकदार नहीं

 

इंदौर। जिला न्यायालय ने 12 वर्षीय बालिका से रेप करने वाले पिता को कठोर दंड देते हुए तिहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने फैसले में टिप्पणी की कि आरोपी ने पिता-पुत्री जैसे पवित्र रिश्ते को कलंकित किया है। इसलिए न्यूनतम दंड विधिपूर्ण नहीं है। ऐसे अपराधियों पर दया नहीं होनी चाहिए। मामले में सबसे मजबूत पक्ष पीडि़ता और उसकी मुंहबोली मौसी के बयान रहे, जिनके आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया गया।

                       21 जुलाई 2024 को पीडि़ता की मां ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। महिला ने बताया कि 2012 में उसने आरोपी से प्रेम विवाह किया था। विवाह से उन्हें दो संतानें हुईं, 12 वर्षीय बेटी (पीडि़ता) व 6 वर्षीय बेटा। वर्ष 2020 में तलाक हो गया, इसके बाद बेटी पिता के साथ और बेटा मां के साथ रहने लगा।  21 जुलाई 2024 को बालिका अपनी मुंहबोली मौसी के पास रोते हुए पहुंची और आपबीती सुनाई। उसने बताया कि पिता घर पर अकेले होने पर कई बार उसके साथ गलत काम करते हैं। पहली बार यह घटना दो वर्ष पहले नए घर में हुई थी और हाल ही में 15 दिन पहले भी दोबारा रेप किया गया। बालिका ने बताया कि उसने दो-तीन बार दादी को भी इस बारे में बताया था, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। इसके बाद पड़ोस में रहने वाली मुंह बोली मौसी ने नानी को फोन कर पूरी घटना बताई। जिसके बाद नानी ने बेटी (बालिका की मां) को बुलाया और थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।

मामले की एक साल तक चली सुनवाई-

मामले की सुनवाई एक साल तक चली। प्रभारी डीपीओ राजेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि जिला अदालत ने 18 सितंबर 2025 को फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी को दोषी पाते हुए तीन अलग-अलग आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 15 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौर ने पैरवी की। पीडि़त प्रतिकर योजना के तहत बालिका को शारीरिक व मानसिक क्षति को देखते हुए 3 लाख रुपए दिलाने की अनुशंसा भी की है।


Post a Comment

Previous Post Next Post