अपोलो टायर्स टीम इंडिया का बना स्पॉन्सर, कंपनी के शेयरों में जबर्दस्त उछाल, जानें कितनी तेजी आई

नई दिल्ली. मंगलवार को शेयर बाजार में अपोलो टायर्स के शेयरों में जबरदस्त हलचल देखने को मिली. बीसीसीआई द्वारा कंपनी को भारतीय क्रिकेट टीम का आधिकारिक जर्सी स्पॉन्सर घोषित करने के तुरंत बाद कंपनी के शेयर 490.80 रुपये के दिन के उच्चतम स्तर तक पहुंच गए. यह करार न सिर्फ अपोलो टायर्स को वैश्विक पहचान दिलाएगा, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी यह एक बड़ा वित्तीय करार साबित होगा.

बीसीसीआई ने मंगलवार 16 सितम्बर को घोषणा की कि अपोलो टायर्स अब 2027 तक भारतीय क्रिकेट टीम का जर्सी स्पॉन्सर रहेगा. यह करार ड्रीम11 के साथ हुए अनुबंध की समाप्ति के बाद सामने आया है. अपोलो टायर्स इस डील के तहत बीसीसीआई को प्रति मैच 4.5 करोड़ रुपये देगा, जबकि ड्रीम11 का योगदान प्रति मैच 4 करोड़ रुपये था. यह स्पॉन्सरशिप भारतीय क्रिकेट इतिहास में हाल के समय की सबसे महंगी और प्रभावशाली डील मानी जा रही है.

ड्रीम11 का करार क्यों टूटा?

ड्रीम11 ने पुरुष एशिया कप से पहले ही भारतीय टीम का जर्सी स्पॉन्सर बनने से हाथ पीछे खींच लिया था. इसकी वजह थी सरकार द्वारा ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर लगाई गई रोक. नए Promotion and Regulation of Online Gaming Act के तहत किसी भी कंपनी को ऐसे गेमिंग ऐप्स के विज्ञापन या प्रमोशन की अनुमति नहीं है, जिनमें वास्तविक पैसे का लेन-देन होता है. इस कानून ने न सिर्फ ड्रीम11 बल्कि तमाम फैंटेसी गेमिंग कंपनियों की कमाई पर गहरी चोट की है.

शेयर बाजार की प्रतिक्रिया

जैसे ही यह खबर सामने आई, अपोलो टायर्स के शेयरों में तेजी देखी गई. कंपनी का शेयर शुरुआती स्तर 479.45 रुपये से बढ़कर 490.80 रुपये तक पहुंच गया और आखिर में 486.80 रुपये पर बंद हुआ, यानी करीब 1.56 प्रतिशत की बढ़त. यह उछाल इस बात का संकेत है कि निवेशक इस स्पॉन्सरशिप डील को कंपनी के लिए बड़े मौके के रूप में देख रहे हैं. भारतीय क्रिकेट टीम के अंतरराष्ट्रीय मैचों और व्यस्त क्रिकेट कैलेंडर से अपोलो टायर्स को वैश्विक स्तर पर व्यापक पहचान मिलने की संभावना है.

भारतीय क्रिकेट और स्पॉन्सरशिप का बढ़ता महत्व

भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी स्पॉन्सरशिप हमेशा से कंपनियों के लिए प्रतिष्ठा और बाजार में अपनी पहचान मजबूत करने का सुनहरा अवसर रही है. ड्रीम11 और माई 11 सर्किल की स्पॉन्सरशिप से बीसीसीआई को लगभग 1,000 करोड़ रुपये की आय हुई थी. अब अपोलो टायर्स का जुडऩा इस परंपरा को और आगे बढ़ाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील न केवल कंपनी के ब्रांड वैल्यू को बढ़ाएगी बल्कि भारतीय क्रिकेट में वित्तीय मजबूती भी जोड़ेगी

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