नई दिल्ली. ईपीएफओ ने कर्मचारियों के परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. आयोग ने डेथ रिलीफ फंड के तहत अनुग्रह राशि को बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने का फैसला किया है. ये राशि पहले पहले 8.8 लाख रुपये थी.
बता दें ये फैसला 1 अप्रैल, 2025 से लागू हो गया. यह लाभ उन केंद्रीय बोर्ड के कर्मचारियों के परिवारों को मिलेगा, जिनकी सेवाकाल के दौरान मौत हो जाती है. यह राशि कर्मचारी कल्याण कोष से वितरित की जाएगी और इसका मुख्य उद्देश्य प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है.
19 अगस्त को जारी एक सरकाऋ आदेश में, ईपीएफओ ने साफ़ किया, केंद्रीय कर्मचारी कल्याण समिति, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की डेथ रिलीफ फंड के अंतर्गत अनुग्रह राशि को 8.8 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने के अनुमोदन से अवगत कराने का निर्देश दिया जाता है. केंद्रीय बोर्ड के दिवंगत कर्मचारी के परिवार के सदस्यों (नामित या कानूनी उत्तराधिकारी) को कर्मचारी कल्याण कोष से 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाएगा.
हर साल 5% की वृद्धि
ईपीएफओ ने यह भी घोषणा की है कि 1 अप्रैल, 2026 से अनुग्रह राशि में प्रतिवर्ष 5% की बढ़ोतरी की जाएगी. इस कदम का उद्देश्य महंगाई के प्रभाव को कम करना और समय के साथ परिवारों की बढ़ती वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है. यह निर्णय ईपीएफओ के 2025 नीतिगत सुधारों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करना है.
अन्य सुधारों का भी ऐलान
ईपीएफओ ने 2025 में कई अन्य सुधारों की घोषणा की है. इनमें मृत्यु दावों की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नाबालिग बच्चों के लिए संरक्षकता प्रमाणपत्र की आवश्यकता को समाप्त करना शामिल है. इसके अलावा, आधार-यूएएन लिंकिंग और संयुक्त घोषणा प्रक्रिया को भी आसान किया गया है. प्रोविडेंट फंड से होम लोन निकालने की प्रक्रिया को सरल करने और अग्रिम दावों के लिए स्वत: निपटान सीमा में बदलाव जैसे कदम भी उठाए गए हैं.
केंद्रीय न्यासी बोर्ड की भूमिका
केंद्रीय न्यासी बोर्ड, जो ईपीएफओ का शीर्ष नीति-निर्धारक निकाय है, में केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ नियोक्ताओं और कर्मचारियों के सदस्य शामिल हैं. यह बोर्ड कर्मचारी कल्याण के लिए नीतियां तैयार करता है और इन सुधारों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.