सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल विधायक आरिफ मसूद को एसआईटी जांच पर दी राहत, ये है मामला

 
भोपाल.
मध्य प्रदेश के भोपाल की मध्य सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सोमवार को मप्र हाईकोर्ट जबलपुर ने विधायक मसूद के इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज के मामले में एफआईआर दर्ज करने और एसआईटी जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

सुप्रीम कोर्ट में आज शुक्रवार 22 अगस्त को जस्टिस जेके माहेश्वरी की बैंच में विधायक मसूद की याचिका पर सुनवाई हुई। कांग्रेस विधायक की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा, वरुण तन्खा ने पक्ष रखा। मसूद के वकील विवेक तन्खा ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने स्टे कर दिया है।

 3 दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करने को हाईकोर्ट ने कहा था

सोमवार को हाईकोर्ट ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए कॉलेज की मान्यता प्राप्त करने के मामले में सुनवाई करते हुए एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने भोपाल कमिश्नर को आदेश दिया कि वे तीन दिन के भीतर एफआईआर दर्ज कर इसकी जानकारी कोर्ट को दें। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भोपाल के कोहेफिजा थाने में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ कूटरचित दस्तावेजों के जरिए धोखाधड़ी करने का केस दर्ज किया गया। आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने कॉलेज को मान्यता दिलवाई। जस्टिस अतुल श्रीधरन की कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान यह पाया गया कि कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से कॉलेज की मान्यता ली थी। कोर्ट ने इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज में नए दाखिलों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।

सुनवाई को लेकर मसूद के एडवोकेट वरुण तन्खा ने कहा

हमने हाईकोर्ट के ऑर्डर को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया। आज उसकी सुनवाई थी। आज जो नोटिस इश्यू किया है उसमें यह भी बोला गया कि पैरा 13 में जो भी ऑब्जर्वेशन हैं। एफआईआर के एसआईटी के जांच रिपोर्ट सब्मिट करने के उसको कंपलीट स्टे कर दिया गया है।


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