जबलपुर में रेलवे ठेकेदारों की डीआरएम के साथ महत्वपूर्ण बैठक में हुए अनेक निर्णय, सतना सांसद की पहल पर हुई मीटिंग

जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर में रेलवे कांट्रैक्टर एसोसिएशन और डीआरएम के बीच आयोजित बैठक ने ठेकेदारों की समस्याओं को उठाने और उनका समाधान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है। यह बैठक ठेकेदारों और रेलवे प्रशासन के बीच बेहतर संवाद और सहयोग सुनिश्चित करने का एक प्रयास है। सतना सांसद गणेश सिंह की पहल पर डीआरएम और रेलवे ठेकेदारों की आज 8 अगस्त शुक्रवार को बैठक आयोजित हुई, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई।

रेलवे कांट्रेक्टर एसोसिएशन के संरक्षक राजेश कैला ने हाल ही में सांसद गणेश सिंह से मुलाकात कर बैठक की मांग रखी थी। उन्होंने बताया था कि बीते डेढ़ वर्ष से ठेकेदारों और रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों, डीआरएम के बीच कोई बैठक नहीं हुई, जिससे समस्याओं के समाधान में बाधा आ रही थी और ठेकेदार अपनी बात नहीं रख पा रहे थे।

डीआरएम ने दिया समस्याओं के निदान का आश्वासन

आज हुई बैठक में डीआरएम ने आश्वासन दिया कि आगे से हर तीन महीने में ठेकेदारों और संबंधित अधिकारियों के बीच बैठक होगी, ताकि समस्याओं का समय पर समाधान हो सके। इस पहल के लिए ठेकेदारों ने सांसद और डीआरएम का आभार व्यक्त किया।

रेलवे कांट्रेक्टर एसो. ने रखी अपनी समस्याएं

रेलवे कांट्रैक्टर एसोसिएशन के संरक्षक राजेश कैला और वरिष्ठ ठेकेदारों की उपस्थिति में आयोजित इस बैठक में ठेकेदारों ने अपने विभिन्न मुद्दों को डीआरएम के समक्ष रखा। इस दौरान, डीआरएम ने ठेकेदारों की समस्याओं को ध्यान से सुना और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि इन समस्याओं का जल्द समाधान किया जाए।

इन मुद्दों पर हुई विस्तार से चर्चा

पुराने ठेकों का बंद होना: एसोसिएशन ने 01 जुलाई 2017 से पूर्व आवंटित ठेकों को बंद करने की मांग की, क्योंकि इसके बाद जीएसटी दर में बदलाव हुआ है और रेलवे प्रशासन ने अब तक इन्हें बंद नहीं किया है। क्योंकि इन ठेकों में GST न्यूटलाइजेशन का भुकतान अभी तक नहीं किया गया।

EMD, PG & SD: ठेकेदारों ने अपनी विभिन्न ठेकों में जमा की गई EMD, PG और SD  की वापसी की मांग की, जिनका भुगतान ठेकेदारों को लंबित है, जबकि ठेके पूर्ण हो चुके हैं।

बिलों का भुगतान: ठेकेदारों ने मांग की कि उनके बिलों का जल्द भुगतान किया जाए, विशेष रूप से उन मामलों में जहां रिवाइज़ एस्टीमेट की स्वीकृति में देरी हो रही है।

रॉयल्टी का मुद्दा: ठेकेदारों ने यह मुद्दा उठाया कि 01 जनवरी 2020 के बाद रॉयल्टी की वसूली में कुछ विभागों ने छूट दी है, जबकि पुराने ठेकों में रॉयल्टी की कटौती की जा रही है, जो न्यायसंगत नहीं है।

कार्य की गुणवत्ता: डीआरएम ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि काम की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए और ठेकेदारों की बातों को गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों के साथ सहयोग बनाए रखते हुए उनके मुद्दों का समाधान किया जाना चाहिए।

विलंबित निविदा प्रक्रिया: ठेकेदारों ने निविदा स्वीकृति में हो रही देरी को लेकर भी शिकायत की और इसे जल्द से जल्द समाप्त करने की मांग की।

डीआरएम का रहा सकारात्मक रुख

डीआरएम ने ठेकेदारों की समस्याओं का समाधान करने के लिए सकारात्मक रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों की परेशानियों को समझते हुए इनका समाधान निकाला जाएगा और सभी अधिकारियों को इन मुद्दों का शीघ्र समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं। ठेकेदारों ने डीआरएम के स्पष्ट और सटीक दिशा-निर्देशों का समर्थन किया। संगठन के संरक्षक राजेश कैला ने कहा कि यह बैठक ठेकेदारों के लिए सकारात्मक रही है और वे उम्मीद करते हैं कि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान होगा।

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