निगम से सांठ-गांठ : महिला ने बनवाए थे फर्जी दस्तावेज !


नगर निगम कमिश्नर से मामले की शिकायत

जबलपुर। नगर निगम जैसे सरकारी कार्यालयों में सांठ-सांठ के चलते फर्जीवाड़ा करने वाले ठग फर्जी दस्तावेजों को आसानी से तैयार करा ले रहे हैं। वहीं ठगी करने वाले इन दस्तावेजों के सहारे धोखाधड़ी जैसे अन्य गंभीर अपराधों को भी आंजम देने से पीछे नहीं हट रहे हैं। ऐसा ही एक मामला हाल ही में प्रकाश में आया था। जिसमें एक जालसाज महिला ने कुछ फर्जी दस्तावेजों का निर्माण कर नगर निगम के जोन कार्यालय से समग्र आईडी में हेरफेर और फर्जी मृत्यूप्रमाण पत्र भी तैयार करा लिया था। जिसके दम पर महिला एक मतृ व्यक्ति की लाखों की संपत्ती हड़पने का प्रयास कर रही थी। मामले में शिकायत होने के बाद विजय नगर पुलिस ने गंभीरता से मामले की जांच करते हुए महिला के विरुद्ध धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। जिसके बाद उसे न्यायालय में पेश किया गया था, जहां से गंभीर अपराध मानते हुए न्यायालय ने उसे जेल भेज दिया था। 

क्या था मामला 

जानकारी अनुसार साकेत नगर चेरीताल निवासी राजेश विश्वकर्मा का 15 सौ वर्गफीट का मकान है। राजेश विश्वकर्मा की बीमारी के चलते 28 मई 2024 को मृत्यू हो गई थी। जिसके बाद अविवाहित व्यक्ति राजेश विश्वकर्मा की जमीन को अपने नाम कराने परवीना बानो उर्फ प्रवीणा ठाकुर नामक ठग महिला द्वारा फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। परवीना बानो उर्फ प्रवीणा ठाकुर नामक महिला नीलम विश्वकर्मा बनकर खुद को मृतक की पत्नी बताकर जमीन अपने नाम करा रही थी। पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि अविवाहि राजेश विश्वकर्मा की मौत के बाद परवीना बानो उर्फ प्रवीणा ठाकुर अपनी बेटी पूमन ठाकुर के साथ मिलकर फर्जी स्तावेज बनवाए और नीलम विश्वकर्मा बन गई। फर्जी तैयार किए दस्तावेजों में खुद को राजेश की पत्नी बताकर जमीन अपने नाम कराने के प्रयास शुरू कर दिए थे।   


नगर निगम कमिश्नर से हुई मामले कि शिकायत

मामले में पीडि़त पक्ष के विकास कोष्टा ने नगर निगम कमिश्रर प्रीति यादव से लिखित शिकायत की के प्रीवणा ठाकुर नामक महिला द्वारा निगम के जोन क्रमांक 5 में सांठ-गांठ कर अस्पताल के एक दस्तावेज के सहारे मृतक राजेश विश्वकर्मा का फर्जी मृत्यू प्रमाण पत्र  2 जुलाई 2024 को बनवा लिया था। जिसमें उसने अपने आप को मृतक राजेश की पत्नी भी बताया था। जबकि राजेश की मृत्यू के पश्चात 28 मई 2024 को लाइफ मेडिसिटी अस्पताल द्वारा मृत्यू पंजियन प्रमाण पत्र जारी किया गया था। जिसके बाद नगर निगम ने 10 जून 2024 को राजेश का मृत्यू प्रमाण पत्र जारी किया था, जसमें मृतक अविवाहित था। इसके बाद अधिवक्ता विकास कोष्टा द्विारा शिकायत करने पर निगम के जोन क्रमांक 5 के प्रभारी ने 8 अप्रैल 2025 में संशोधन कर पुन: पुराना मृत्यू प्रमाण पत्र में सुधार कर दिया। 

समग्र आईडी में भी किया हेरफेर

बताया गया है कि प्रवीणा ठाकुर द्वारा किसी राजेश ठाकुर की समग्र आईडी में भी हेरफेर कर घंटाघर जोन क्रमांक 12 से राजेश विश्वकर्मा की फर्जी समग्र आईडी तैयार कराई गई। जिसमें भी उसने अपने आप को राजेश विश्वकर्मा की पत्नी दर्शाया। जबकि मृतक राजेश विश्वकर्मा की समग्र आईडी क्रमांक 31317281 सन 2013 में गढ़ा जोन क्रमांक 1 से बनी थी, जिसमें आज दिनांक तक कोई परिवर्तन नहीं हुआ था। वहीं, प्रवीणा ठाकुर द्वारा घंटाघर जोन कार्यालय से अपनी समग्र आईडी क्रमांक 24294438 जिसमें प्रवीणा के पति का नाम भी राजेश ठाकुर था, पहले फर्जी तरीके से आईडी से ठाकुर अलग कराया करा कर विश्वकर्मा कर दिया गया। फिर बाद में 6 माह बाद राजेश विश्वकर्मा की मृत्यू के बाद पुन: सुधार कार्य कर उसमें राजेश विश्वकर्मा को राजेश करवा दिया गया। जिससे की वह खुद को ठाकुर की जगह विश्वकर्मा बताकर धोखाधड़ी को अंजाम दे सके।

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