पुलिस अधिकारियों के अनुसार विंध्य नगर सिंगरौली में रहने वाले निखिल दुबे एलएडंटी कंपनी में इंजीनियर के पद पर पदस्थ है। निखिल ने पत्नी आभ्या से पानी मांगा, इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि निखिल ने गुस्से में आकर पत्नी के साथ बुरी तरह मारपीट की। इसके बाद पत्नी आभ्या का सिर प्लेटफार्म पर रखकर पत्थर से कई बार किए, जिससे आभ्या की मौत हो गई। हत्या करने के बाद निखिल ने अपनी मां दुरेदश्वरी देवी की मदद से लाश को कंबल में लपेटा और कार से प्रयागराज लेकर पहुंच गया। यहां पर शंकरघाट स्थित इलेक्ट्रिक शवदाह अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद मां-बेटा प्रयागराज के शास्त्री नगर स्थित मकान में रुक गए। घटना के दिन ही निखिल ने फतेहपुर में आभ्या के घर मौत की जानकारी दे दी। मायके वाले घर पहुंचे तो ताला लगा मिला। संदेह होने पर उन्होने विंध्य नगर पुलिस से आवास की जांच करने की बात कही। पुलिस ने निखिल के घर का ताला तोड़ा तो कुछ नहीं मिला। इस दौरान पुलिस को कंपनी के एचआर जीएम से जानकारी मिली कि निखिल ने वॉट्सऐप कॉल पर बताया था कि उसने अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार प्रयागराज के शंकरघाट स्थित इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में किया है। पुलिस टीम तुरंत प्रयागराज पहुंची और सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया। जांच में यह सामने आया कि निखिल अपनी पत्नी का शव कंबल में लपेटकर कार की पिछली सीट पर रखकर प्रयागराज ले गया था। उसने सीसीटीवी से बचने के लिए कार के शीशों पर पर्दा भी लगा रखा था। पुलिस का शक और बढ़ गया, पुलिस ने शास्त्री नगर प्रयागराज पहुंचकर निखिल दुबे व उनकी मां को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो चौकाने वाले खुलासे हुए। जिसपर पुलिस ने दोनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।