नई दिल्ली. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता परआज बुधवार 20 अगस्त की सुबह जब वो सिविल लाइंस स्थित उनके सरकारी आवास पर जन सुनवाई कर रहीं थीं, उसी दौरान उन पर हमला किया गया. हालांकि, मुख्यमंत्री पर हमला करने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया है. जानकारी आई कि जनसुनवाई के दौरान 41 साल का एक शख्स अपनी शिकायत लेकर मुख्यमंत्री के पास पंहुचा, लेकिन अचानक उसने मुख्यमंत्री पर हमला करने की कोशिश की और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. हमलावर के हाथ में कुछ कागज थे.
इस हमले के बाद मौके पर हड़कंप मच गया. आरोपी के किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े होने का शक जताया जा रहा है और पुलिस इस एंगल से भी जांच में जुटी गई है. शुरुआती जानकारी में आरोपी ने अपना नाम राजेश भाई खिमजी भाई सकरिया बताया है. आरोपी राजकोट का रहने वाला बता रहा है. उसकी उम्र 41 साल है. आरोपी की मां भानु बेन ने कहा कि मेरा बेटा पशु प्रेमी है और आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला है, वो उससे दुखी था. इस वजह से वो दिल्ली गया था.
बताया गया कि शख्स ने पत्थर जैसी किसी वस्तु से हमला करने की कोशिश की, हालांकि बीजेपी ने इससे इनकार किया है. हमले की कोशिश करने वाले व्यक्ति को मौके पर ही मुख्यमंत्री की सुरक्षा टीम और वहां मौजूद लोगों ने तुरंत पकड़ लिया.
दिल्ली बीजेपी की तरफ से कहा गया कि दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने साप्ताहिक जन सुनवाई कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि युवक ने मुख्यमंत्री को एक कागज दिया और आगे की ओर खींचा. जिससे मुख्यमंत्री का सिर टेबल पर लगा. मुख्यमंत्री अभी सदमे में हैं. उनका चैकअप हुआ है वो स्थिर हैं. पत्थर और थप्पड़ की बात बेबुनियाद है. मुख्यमंत्री एक बहादुर महिला हैं. जनसुनवाई और जनता से जुड़े कार्यक्रम आगे भी जारी रखेंगी.
कांग्रेस ने की निंदा
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने सीएम रेखा गुप्ता पर हुए हमले को बेहद दुखद बताते हुए इस हमले की निंदा की है. उन्होंने कहा कि सीएम पूरी दिल्ली का नेतृत्व करती हैं, इस तरह की घटना महिला सुरक्षा की पोल भी खोलती है. जब सीएम ही सेफ नहीं है तो कोई आम आदमी या कोई और महिला कैसे सेफ हो सकती है.
आतिशी ने भी की निंदा
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने भी हमले की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुआ हमला बेहद निंदनीय है. लोकतंत्र में असहमति और विरोध की जगह होती है, लेकिन हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. उम्मीद है कि दिल्ली पुलिस दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी. आशा है मुख्यमंत्री पूरी तरह सुरक्षित हैं.