बहराइच . उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में पिछले एक महीने से बच्चों के लापता होने और जंगल में बदहवास हालत में मिलने की घटनाओं ने पुलिस का जीना मुश्किल कर दिया था. रात होते ही गांवों में दहशत फैल जाती थी. परिजन जागकर बच्चों की रखवाली करते और लाठी लेकर पहरा देते. लेकिन ऑपरेशन ट्वाइलाइट नामक एक खास रणनीति ने आखिरकार इस सीरियल दरिंदे को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.
3 जून की घटना के बाद 25 जून, 28 जून और 2 जुलाई को तीन और घटनाएं हुईं. चारों पीडि़त लड़कियों ने पुलिस को लगभग एक जैसा ही विवरण दिया- सांवला रंग, पतली दाढ़ी, काली जींस, बैंगनी टी-शर्ट और बाएं हाथ पर टैटू. यह कॉमन थ्रेड पुलिस के लिए गेम चेंजर बन गया.
सर्किल मैप से बनाया गया हॉट जोन
मोतीपुर सर्किल ऑफिसर हर्षिता तिवारी के नेतृत्व में पांच टीमें बनाई गईं. सबसे पहले घटनास्थलों को जोड़कर सर्किल मैप बनाया गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि चारों वारदातें 3-4 किमी के दायरे में हुई हैं. इस इलाके को 'हॉट जोन' बताते हुए रात भर तलाशी शुरू कर दी गई.
बीटीएस डेटा और सीसीटीवी से नजर
क्राइम ब्रांच की सर्विलांस यूनिट ने सभी वारदातों वाली रात के मोबाइल बीटीएस डेटा को ओवरले किया. कैमरे की फुटेज और मोबाइल लोकेशन के फ्यूजन के दौरान पुलिस ने एक सीमित दायरे में 11 ऐसे मोबाइल नंबर चिह्नित किए, जो हर वारदात के आसपास सक्रिय थे.
मुखबिर से मिली सटीक सूचना
इसी बीच मुखबिरों ने सूचना दी कि स्केच से मिलता-जुलता अविनाश पांडेय (32) नाम का युवक अक्सर रात में बाजपुर बनकटी की नहर पटरी पर घूमता रहता है. उसका पीछा करते हुए पुलिस ने उसे 5 जुलाई की देर रात सीताराम पुलिया के पास से पकड़ लिया.
मोबाइल ने खोला राज
जब उसका फोन थाने लाकर खोला गया तो पुलिस टीम दंग रह गई. फोन में पीडि़त लड़कियों के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो मिले. डेटा रिकवरी टूल से साबित हुआ कि उसने सबकुछ रिकॉर्ड कर लिया था, ताकि बाद में उन्हें डरा सके.
टॉफी देकर ले जाता था
पूछताछ के दौरान अविनाश ने कबूल किया कि वह रात में सो रही लड़कियों को टॉफी और चॉकलेट का लालच देकर झोपडिय़ों से बाहर निकालता था. फिर जंगल में ले जाकर उनके साथ दुष्कर्म करता. इसके बाद मोबाइल से उनकी फोटो खींच लेता और धमकी देता कि अगर किसी को बताया तो जान से मार दूंगा.
आरोपी पर पॉक्सो और दुष्कर्म की धाराएं
एसपी राम नयन सिंह ने बताया कि आरोपी पर पॉक्सो और दुष्कर्म की धाराएं लगाई गई हैं. ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने वाली सुजौली थाने और स्वाट टीम को 15-15 हजार, सर्विलांस टीम को 10 हजार और दो सब इंस्पेक्टर को 10-10 हजार रुपये का इनाम दिया गया है.
