जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लिया गया था फैसला
जबलपुुर। शहर में दौड़ने वाले 8000 ई-रिक्शा प्रशासन की नजर में आ गए हैं। इन रिक्शों में स्कूल के छात्र-छात्राएं सफर नहीं कर सकेंगी। इस आशय संबंधी भोपाल की जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में फैसला लेकर ऐसे परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है। भोपाल की इस बैठक को लेकर शहर में सुगबुगाहट पैदा हो गई हैै। जानकार कहते हैं कि ई-रिक्शा में स्कूली बच्चों को लाने-ले-जाने में अटकलें पैदा हो सकती हैं। बैठक में यह सामने आया था कि ऐसे रिक्शों में बच्चों का परिवहन खतरनाक हो सकता है। स्कूल पहुंचने की जल्दीबाजी में हादसे की आशंका बनी रहती है। रिक्शों की बनावट और ढांचे को देखते हुए यह फैसला लिया है।
गौरतलब है कि राजधानी सहित प्रदेश में ऐसे कई हादसे हो चुके हैं, जिसमें स्कूल के बच्चे घायल हुए हैं। इसके अलावा अन्य हादसों में लोगों की जान भी जा चुकी है। एक्सपर्ट का दावा है कि तकनीकी रूप से ये रिक्शे जल्दी असंतुलित हो रहे हैं, इनके भारी वजन रखने पर पलटने का खतरा बना रहता है। उधर, साइकिल रिक्शों में परिवहन के दौरान बच्चों की कोलाहल और शरारत की वजह से पहले हादसे हुए हैं। इसी तरह इन रिक्शों में भी बच्चों की शरारत महंगी पड़ सकती है।
ई-रिक्शों को दिया था रूट
ई-रिक्शा के संबंध में यातायात, पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी जायजा ले रहे हैं। विभागों में सूची तैयार की जा रही है। इसमें यह सामने आ रहा है कि शहर में मौजूद रिक्शों की संख्या के साथ उन्हें चलाने वालों का विवरण एकत्र किया जा रहा है। हाल ही में इन रिक्शों को रूट दिया गया था, जिसमें ड्र्ाइवर का नाम और लायसेंस देखा गया था।
ऑफ दी रेकार्ड
सूत्रों का कहना है कि इन रिक्शों को बिना लायसेंसधारी चालक भी दौड़ा रहे हैं। अकुशल चालक होने की वजह से दुर्घटनाएं भी हुई हैं। कई मामले सामने आए हैं, जिनमें पार्टटाइम इन रिक्शों को किराए पर लेकर चलाया जा रहा है। इसमें नाबालिक भी शामिल हैं। ये नाबालिक ज्यादातर रात के समय ई-रिक्शा का चालन कर रहे हैं।
ये हो चुके हैं हादसे
- रानीताल चौराहे पर सवारियों से भरा ई-रिक्शा पलट गया था, जिसमें दो महिलाओं को चोटें आई थी, बच्चे बच गए थे।
- राइट टाउन में मोड़ पर ई-रिक्शा असंतुलित होकर पलट गया था, जिसमें सवार लोग बाल-बाल बच गए थे।
- दीनदयाल चौराहे के पास ई-रिक्शा में सवार एक व्यक्ति की सड़क हादसे में मौत हो गई थी।