कसारगोड. केरल के कसारगोड जिले के मलोम कस्बे में एक ऐसी घटना हुई, जिसने सबको चौंका दिया. वी जे बाबू नाम के 62 साल के बुज़ुर्ग पर दो लोगों ने हमला कर दिया. ये हमलावर कोई अनजान गुंडे नहीं थे, बल्कि बाबू के वही पुराने दोस्त थे, जिनके साथ उन्होंने चौथी क्लास में पढ़ाई की थी.
बाबू और हमलावर, मालोथे बालकृष्णन और मैथ्यू वलियप्लक्कल, कभी स्कूल के क्लासमेट हुआ करते थे. लेकिन चौथी क्लास में हुई एक मामूली लड़ाई उनके मन में इस कदर घर कर गई कि 52 साल बाद भी वे उसे भुला नहीं पाए.
होटल के बाहर दिनदहाड़े हुआ हमला
घटना उस वक्त हुई जब बाबू मलोम के एक होटल के बाहर खड़े थे. तभी बालकृष्णन और मैथ्यू वहां आए और बिना किसी चेतावनी के उन पर टूट पड़े. दोनों ने मिलकर बाबू की जमकर पिटाई की. इस हमले में बाबू के दो दांत टूट गए, उनका चेहरा और पीठ बुरी तरह जख्मी हो गए. पहले उन्हें पास के अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से उन्हें बड़े अस्पताल में भर्ती करना पड़ा.
सालों की दोस्ती, लेकिन दिल में बचपन की जलन
ये तीनों एक ही मोहल्ले में रहते हैं और सालों तक एक-दूसरे के अच्छे दोस्त भी रहे. लेकिन जो बात सबसे ज्यादा हैरान करने वाली है, वो यह कि बचपन की एक छोटी-सी लड़ाई का गुस्सा इन बुज़ुर्गों के दिल में आज भी जिंदा था. लोग सोच भी नहीं सकते थे कि इतने सालों तक साथ रहने के बावजूद कोई अपने पुराने दोस्त पर इतना गुस्सा निकाल सकता है.
पुलिस ने किया गिरफ्तार
स्थानीय लोगों का कहना है कि बाबू इस मामले को निपटाना चाहते थे. उन्होंने हमलावरों से कहा कि अगर 1.5 लाख का मुआवजा दे दिया जाए, तो वे कोर्ट का रास्ता नहीं अपनाएंगे. लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीर मानते हुए खुद ही कार्रवाई शुरू कर दी. बालकृष्णन और मैथ्यू पर गैरकानूनी तरीके से रोकने और चोट पहुँचाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है.