नई दिल्ली. रेलवे के हेड ऑफिस (एचओ) कोटा में दलाल और टिकट एजेंटों ने पूरी तरह से सेंधमारी कर ली है। पिछले महीने एक रेल अफसर के नाम पर फर्जी लेटर पैड के जरिये टिकट कंफर्म कराने की जांच अभी चल ही रही है कि रेल मंत्रालय से एक ही पीएनआर पर बने पांच टिकट कंफर्म कराने को कहा गया। टिकट कन्फर्म कर दिया गया, लेकिन संदेह होने पर जब टीटीई ने यात्रियों से पूछताछ की तो पता चला कि उन्होंने टिकट एजेंट से कंफर्म कराए हैं और बदले में प्रति टिकट 5500 रुपये दिए हैं। फिलहाल मामले की जानकारी रेलवे बोर्ड को दे दी गई है।
दादर एक्सप्रेस का है मामला
मामला गत 6 जून 2025 का है। दादर एक्सप्रेस में एसी थ्री कोच में एचओ कोटा के तहत एक टिकट कंफर्म कराने के लिए फैक्स से भेजा गया। इसका पीएनआर संख्या 2436358280 था और इस पर छह यात्रियों का टिकट बुक था, लेकिन एक यात्री की यात्रा रद्द करा दी गई। यह कोटा रेल राज्यमंत्री के पीए द्वितीय की तरफ से भेजा गया।
रेलवे बोर्ड के लेटर को अफसर ने लिया गंभीरता से सीटें की आवंटित
रेलवे बोर्ड से आए पत्र के कारण कोटा आवंटित कर दिया गया और बी-1 कोच में 25, 26, 27, 28 और 29 नंबर की सीट दी गई। लगातार फर्जी मामले पकड़ में आने के चलते अब एक ही पीएनआर में कई यात्रियों का टिकट कंफर्म हो रहा है।
टीटीई की सतर्कता से ऐसे हुआ खुलासा
टीटीई कोटा से आवंटित की गई सीट पर यात्रा करने वाले यात्रियों से एक फार्म भरवाते हैं। इसी क्रम में जब वाराणसी में टीटीई ने संबंधित पीएनआर के यात्री से फार्म भरवाया तो यात्री ने लिखा कि उसने टिकट एजेंट के जरिये कराया था और एजेंट को प्रत्येक टिकट के लिए 5500 रुपये यानी कुल 27500 रुपये दिए थे। टीटीई ने मामले की जानकारी अधिकारियों को दी। मामला रेल मंत्रालय से जुड़ा होने के चलते अधिकारियों की भी सांसें अटक गई हैं। हालांकि, इसकी सूचना रेलवे बोर्ड को दे दी गई है। एचओ कोटा में एजेंटों के घुसपैठ की चर्चा इस समय जमकर हो रही है।