पिछले 48 वर्षों से बोइंग एयरक्राफ्ट के टायरों का इस्तेमाल रथ निर्माण में होता रहा है, लेकिन अब ये टायर इतने पुराने हो चुके हैं कि पिछले 15 सालों से इस्कॉन को उनके रिप्लेसमेंट की तलाश थी. बाजार में बोइंग के टायर आसानी से उपलब्ध नहीं हो रहे थे. इसी तलाश के दौरान इस्कॉन को सुखोई फाइटर जेट के टायरों का आइडिया आया.
सुखोई के टायरों से मिलती है परफेक्ट फिटिंग
इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास के अनुसार, सुखोई के टायर्स का डायामीटर और मजबूती बोइंग टायरों से मिलती-जुलती है. इसलिए इस साल इनका इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया. ये बदलाव केवल तकनीकी नहीं, बल्कि परंपरा और आधुनिकता का अनोखा संगम भी है.
टायर कंपनी हुई हैरान
राधारमण दास ने बताया कि जब इस्कॉन ने सुखोई टायर बनाने वाली कंपनी से कोटेशन मांगा, तो कंपनी चौंक गई. उन्हें समझ नहीं आया कि कोई धार्मिक आयोजन के लिए फाइटर जेट के टायर क्यों मांग रहा है. इस्कॉन ने फिर कंपनी को विस्तार से समझाया और उन्हें कोलकाता बुलाकर रथ दिखाया, तब जाकर कंपनी ने चार टायर उपलब्ध कराए.
भक्तों को मिलेगा नया अनुभव
इस बार रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ सुखोई के टायर्स से लैस रथ पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे. यह अनोखा नजारा न केवल भक्तों के लिए विशेष होगा, बल्कि देशभर के लोगों के लिए भी एक नया अनुभव बन जाएगा.