सागर. एमपी में 10वीं बोर्ड का रिजल्ट आते ही पूरे देश में खुशी और निराशा की कई कहानियां सामने आईं, लेकिन मध्य प्रदेश के सागर से आई यह घटना हर अभिभावक के लिए सीख बन गई. यहां के रामपुरा निवासी नितुल कुमार जैन ने अपने बेटे सार्थक के 55 प्रतिशत अंक आने पर ऐसा कदम उठाया, जिससे पूरे शहर में उनकी तारीफ हो रही है.
बेटे सार्थक के 55 प्रतिशत नंबर आने के बावजूद नितुल जैन ने उसकी हौसला अफजाई के लिए जमकर जश्न मनाया. ढोल-नगाड़ों की गूंज, आतिशबाजी और मिठाइयों के साथ जुलूस निकाला गया. सार्थक को फूलों की माला पहनाई गई और पूरे मोहल्ले में उत्सव जैसा माहौल बना दिया गया.
बेटे की चिंता ने दिल को छू लिया
नीतुल जैन ने बताया कि रिजल्ट आने के बाद उन्होंने बेटे के चेहरे पर उदासी देखी. जब उन्हें पता चला कि बेटे को अपने दोस्तों के बेहतर रिजल्ट से हीन भावना हो रही है, तब उन्होंने तय किया कि वे बेटे का मनोबल तोडऩे की बजाय उसे आत्मविश्वास से भर देंगे. उन्होंने कहा, हमारे लिए नंबर सब कुछ नहीं हैं. हमें अपने बच्चों को तनाव से बाहर निकालना चाहिए, न कि उन्हें उसमें धकेलना.
पापा ने जो मेरे लिए किया...
सार्थक ने भी पिता की सराहना करते हुए कहा, मैंने पढ़ाई की थी, लेकिन नंबर कम आए. पापा ने जो मेरे लिए किया, वह कभी नहीं भूलूंगा. अब और मेहनत करूंगा. वहीं, दादा नरेंद्र जैन ने कहा, हमारा पोता घर के काम करता है, दुकान भी संभालता है और पढ़ाई भी करता है. कम नंबर कोई अपराध नहीं. इसलिए हमने जश्न मनाया.
समाज में मिसाल बना पिता का कदम
इस घटना के बाद नितुल जैन को शहर भर से सराहना मिल रही है. लोग कह रहे हैं कि यह उदाहरण हर उस अभिभावक को प्रेरणा दे सकता है, जो बच्चों के कम नंबर आने पर उन्हें ताने देते हैं या मानसिक दबाव में डालते हैं.