बताया जाता है कि गाड़ी संख्या 12168 बनारस-लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) में ड्यूटी कर रहे जबलपुर के टीटीई दीपक सिंह को चलती ट्रेन में जानकारी मिली कि एस-8 कोच में एक 14 साल की नाबालिग बच्ची बिलकुल अकेली बैठी है, उसकी सुरक्षा आगे खतरे में पड़ सकती है, जिस पर तुरंत ही टीटीई दीपक संबंधित कोच में पहुंचे और बच्ची को अपने पास बैठाकर उससे पूछताछ की. बच्ची ने बनारस से ट्रेन में बैठना बताया, उसने नाम व अपने घर का पता, मोबाइल नंबर भी बताया. जिसके बाद टीटीई ने कामर्शियल कंट्रोल को पूरे घटनाक्रम से सूचित किया और आरपीएफ-जीआरपी को मेमो दिया। देर रात जब ट्रेन इटारसी स्टेशन पहुंची तो बच्ची को वैधानिक तरीके से आरपीएफ-जीआरपी के सुपुर्द किया। वहीं जीआरपी ने बच्ची द्वारा दिये गये मोबाइल नंबर पर उसके परिजनों को कॉल करके बच्ची के सुरक्षित होने की सूचना दी. बच्ची के परिजन वहां से इटारसी के लिए रवाना हो गये।
यात्रियों ने रेल प्रशासन-टीटीई की सतर्कता की सराहना की
जबलपुर रेल मंडल के टिकट चैकिंग स्टाफ द्वारा किया गया यह न केवल उनकी सजगता को दर्शाता है, बल्कि उनके भीतर समाज और मानवता के प्रति निष्ठा का भी परिचायक है। उनकी तत्परता से एक संभावित गंभीर स्थिति को समय रहते संभाला गया, जिसके लिए वे निश्चित रूप से प्रशंसा के पात्र हैं। यात्रियों ने भी स्टाफ की जमकर सराहना की.