जबलपुर : बनारस-मुंबई सुपरफास्ट में अकेली मिली बच्ची, टीटीई हुआ सतर्क, जीआरपी-आरपीएफ के सुपुर्द किया

 जबलपुर. घर से नाराज होकर अनजान शहर, खासकर मायानगरी मुंबई भागने की घटनाएं बच्चियों व बच्चों में लगातार सामने आ रही है. ऐसी ही एक घटना गत 23 मई को जबलपुर से इटारसी के बीच गाड़ी संख्या 12168 में सामने आयी, जब ट्रेन में जबलपुर से इटारसी पर ड्यूटी पर तैनात टीटीई दीपक सिंह को खबर मिली की एक बच्ची अकेली एस-8 में यात्रा कर रही है, जिस पर वह तुरंत ही संबंधित कोच में पहुंचा और बच्ची को सुरक्षित करते हुए आरपीएफ-जीआरपी को सूचित किया। टीटीई की मानवीयता व बच्ची की सुरक्षा को लेकर बरती गई गंभीरता पर यात्रियों ने उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की.

बताया जाता है कि गाड़ी संख्या 12168 बनारस-लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) में ड्यूटी कर रहे जबलपुर के टीटीई दीपक सिंह को चलती ट्रेन में जानकारी मिली कि एस-8 कोच में एक 14 साल की नाबालिग बच्ची बिलकुल अकेली बैठी है, उसकी सुरक्षा आगे खतरे में पड़ सकती है, जिस पर तुरंत ही टीटीई दीपक संबंधित कोच में पहुंचे और बच्ची को अपने पास बैठाकर उससे पूछताछ की. बच्ची ने बनारस से ट्रेन में बैठना बताया, उसने नाम व अपने घर का पता, मोबाइल नंबर भी बताया. जिसके बाद टीटीई ने कामर्शियल कंट्रोल को पूरे घटनाक्रम से सूचित किया और आरपीएफ-जीआरपी को मेमो दिया। देर रात जब ट्रेन इटारसी स्टेशन पहुंची तो बच्ची को वैधानिक तरीके से आरपीएफ-जीआरपी के सुपुर्द किया। वहीं जीआरपी ने बच्ची द्वारा दिये गये मोबाइल नंबर पर उसके परिजनों को कॉल करके बच्ची के सुरक्षित होने की सूचना दी. बच्ची के परिजन वहां से इटारसी के लिए रवाना हो गये।

यात्रियों ने रेल प्रशासन-टीटीई की सतर्कता की सराहना की

जबलपुर रेल मंडल के टिकट चैकिंग स्टाफ द्वारा किया गया यह न केवल उनकी सजगता को दर्शाता है, बल्कि उनके भीतर समाज और मानवता के प्रति निष्ठा का भी परिचायक है। उनकी तत्परता से एक संभावित गंभीर स्थिति को समय रहते संभाला गया, जिसके लिए वे निश्चित रूप से प्रशंसा के पात्र हैं। यात्रियों ने भी स्टाफ की जमकर सराहना की.

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