जबलपुर। पश्चिम मध्य रेल द्वारा कोचों और वैगनों का रूटीन ओवर हॉलिंग करके अधिक से अधिक पीओएच (पीरियोडिक ओवर हॉलिंग) आउटटर्न किया जाता है। पमरे महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में और प्रमुख मुख्य यांत्रिक अभियंता के नेतृत्व में वर्कशॉप के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के अप्रैल एवं मई में सीआरडब्लूएस/भोपाल एवं डब्लूआरएस/कोटा दोनों कारखानों में कुल 1333 कोचों/वैगनों का पिरियोडीक ओवर हॉलिंग आउटटर्न किया। जिसमें सवारी डिब्बा पुर्ननिर्माण कारखाना भोपाल ने 201 कोचों का अनुरक्षण किया तथा कोटा वर्कशॉप ने 1132 वैगनों की मरम्मत की है। अकेले मई माह की बात करे तो सीआरडब्लूएस/भोपाल एवं डब्लूआरएस/कोटा दोनों कारखानों में कुल 696 कोचों/वैगनों का पीरियोडिक ओवर हॉलिंग आउटटर्न किया। जिसमें सवारी डिब्बा पुर्ननिर्माण कारखाना भोपाल ने 115 कोचों का अनुरक्षण किया और कोटा वर्कशॉप ने 581 वैगनों की मरम्मत करके आउटटर्न किया है।
4 से 6 वर्ष के बीच किया जाता है पीओएच
माल डिब्बा मरम्मत कारखाना कोटा में रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित लक्ष्य से अधिक वैगनों का पीओएच (पीरियोडिक ओवर हॉलिंग) आउटटर्न दिया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष के अप्रैल माह में लक्ष्य से अधिक वैगनों का अनुरक्षण करके अच्छा प्रदर्शन किया गया है। वैगनों का पीओएच (पिरियोडीक ओवर हॉलिंग) 4 से 6 वर्ष में एक बार किया जाता है।
पीओएच के दौरान होते है निम्न कार्य
• वैगनों के नीचे ट्रॉली, बोगी के सभी पार्ट्स की मरम्मत की जाती है, जो सरंक्षा की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है।
• वैगन के बॉडी और ब्रेक गियर की भी मरम्मत की जाती है, जिससे परिचालन में सरंक्षा सुनिश्चित की जा सके।
• एयर ब्रेक सिस्टम के सभी पार्ट एवं वैगनों के दोनों ओर के सेंटर बफ़र की मरम्मत की जाती है जिससे सरंक्षा में बढ़ोत्तरी होता है।
• व्हील और एक्सल की मरम्मत एवं रखरखाव किया जाता है, जिससे सुरक्षा में इजाफा होता है।