जबलपुर। मध्यप्रदेश पुलिस के जवान और अधिकारी अब सोशल मीडिया पर वर्दी पहनकर रील्स या वीडियो बनाते नजर नहीं आएंगे। पुलिस मुख्यालय ने साफ निर्देश जारी कर दिए हैं कि वर्दी का दुरुपयोग करते हुए फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, एक्स या व्हाट्सऐप पर फोटो–वीडियो पोस्ट करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। हाल के महीनों में कई पुलिसकर्मियों द्वारा सोशल मीडिया पर खुद को “हीरो” की तरह प्रस्तुत करने की प्रवृत्ति बढ़ी थी, जिसे विभाग ने गंभीरता से लिया है।डीजीपी द्वारा जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) में कहा गया है कि पुलिसकर्मी सोशल मीडिया का उपयोग केवल आधिकारिक सूचना तक सीमित रखें। निजी फोटो, डांस रील्स, स्टंट वीडियो या किसी भी प्रकार का कंटेंट जो पुलिस विभाग की साख को प्रभावित करे, पूरी तरह निषिद्ध है। वर्दी में किसी भी तरह का पोस्ट, रील, स्टोरी या वीडियो अपलोड करना सख्त वर्जित रहेगा। एसओपी का मकसद पुलिस की पेशेवर छवि को सुरक्षित रखना और जनता के बीच भरोसा बनाए रखना है। ड्यूटी से जुड़े फोटो या जानकारी भी बिना अनुमति साझा नहीं की जा सकेगी। निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई तय है। पुलिस कर्मियों को सिविल सेवा आचरण नियम और न्यायालयीय निर्देशों का पूर्ण पालन करना होगा।
जबलपुर। मध्यप्रदेश पुलिस के जवान और अधिकारी अब सोशल मीडिया पर वर्दी पहनकर रील्स या वीडियो बनाते नजर नहीं आएंगे। पुलिस मुख्यालय ने साफ निर्देश जारी कर दिए हैं कि वर्दी का दुरुपयोग करते हुए फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, एक्स या व्हाट्सऐप पर फोटो–वीडियो पोस्ट करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। हाल के महीनों में कई पुलिसकर्मियों द्वारा सोशल मीडिया पर खुद को “हीरो” की तरह प्रस्तुत करने की प्रवृत्ति बढ़ी थी, जिसे विभाग ने गंभीरता से लिया है।डीजीपी द्वारा जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) में कहा गया है कि पुलिसकर्मी सोशल मीडिया का उपयोग केवल आधिकारिक सूचना तक सीमित रखें। निजी फोटो, डांस रील्स, स्टंट वीडियो या किसी भी प्रकार का कंटेंट जो पुलिस विभाग की साख को प्रभावित करे, पूरी तरह निषिद्ध है। वर्दी में किसी भी तरह का पोस्ट, रील, स्टोरी या वीडियो अपलोड करना सख्त वर्जित रहेगा। एसओपी का मकसद पुलिस की पेशेवर छवि को सुरक्षित रखना और जनता के बीच भरोसा बनाए रखना है। ड्यूटी से जुड़े फोटो या जानकारी भी बिना अनुमति साझा नहीं की जा सकेगी। निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई तय है। पुलिस कर्मियों को सिविल सेवा आचरण नियम और न्यायालयीय निर्देशों का पूर्ण पालन करना होगा।
