प्रोजेक्ट की संवेदनशीलता या कुछ और? जेनको के डायरेक्टर के अधिकारों में कटौती से मची खलबली


जबलपुर।
मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंधन ने एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए डायरेक्टर (कमर्शियल) के अधिकारों में भारी कटौती की है। यह निर्णय आगामी 23,000 करोड़ रुपये के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स की निगरानी और उनकी समय सीमा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर  मनजीत सिंह ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं।

प्रोजेक्ट्स की अहमियत और प्रशासनिक बदलाव

वर्तमान में कंपनी के पास कुल 1320 मेगावाट क्षमता के दो बड़े प्रोजेक्ट्स हैं, जिन्हें वर्ष 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें अमरकंटक ताप विद्युत गृह और सतपुड़ा ताप विद्युत गृह (सारणी) में स्थापित होने वाली 660-660 मेगावाट की अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट्स शामिल हैं। इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 23,000 करोड़ रुपये  है। प्रबंधन का मानना है कि इन प्रोजेक्ट्स की संवेदनशीलता और विशाल निवेश को देखते हुए कड़े पर्यवेक्षण की आवश्यकता है। इसी के तहत डायरेक्टर कमर्शियल मिलिंद भंडारकर के अधिकांश महत्वपूर्ण अधिकार अब एमडी मनजीत सिंह ने स्वयं के पास सुरक्षित रख लिए हैं, जबकि कुछ तकनीकी जिम्मेदारियां डायरेक्टर टेक्निकल सुबोध निगम को सौंप दी गई हैं।

चर्चाओं का बाजार गर्म

बिजली विभाग के गलियारों में इस अचानक हुई कटौती को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसे केवल कार्यक्षमता बढ़ाने और बड़े प्रोजेक्ट्स पर केंद्रित होने की रणनीति बताया जा रहा है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इतने बड़े स्तर पर अधिकारों का हस्तांतरण सामान्य प्रक्रिया नहीं है। कंपनी के सूत्रों के अनुसार, प्रबंधन इन प्रोजेक्ट्स की प्रगति में किसी भी तरह की कोताही या देरी नहीं चाहता, इसलिए कमान सीधे एमडी ने अपने हाथों में ली है।

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